हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाWaqf Board Amendment Bill: चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार वापस लेंगे मोदी सरकार से समर्थन? मौलाना अरशद मदनी ने कह दी ये बड़ी बात
Waqf Board Amendment Bill: चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार वापस लेंगे मोदी सरकार से समर्थन? मौलाना अरशद मदनी ने कह दी ये बड़ी बात
Waqf Board Amendment Bill: मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि अगर ये कानून पास हो गया तो फिर जिन बैसाखियों पर बैठकर मुल्क में बीजेपी हुकूमत कर रही है तो उनकी भी जिम्मेदारी होगी. इस बिल के अंदर जहर पड़ा है.
By : अहमद बिलाल, एबीपी न्यूज़ | Edited By: Shubham Kumar | Updated at : 03 Nov 2024 12:12 PM (IST)
Waqf Board Amendment Bill 2024: जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार (3 नवंबर 2024) को वक्फ बोर्ड संशोधन पर अपनी प्रतिक्रिया दी. दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के संविधान संरक्षण सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुल्क में मौजूदा फिरकापरस्त जहनियत है. वक्फ बिल एक जरूरी मुद्दा है. हुकूमत जिन बैसाखियों पर चल रही है, उन बिहार के सीएम नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को दावत देता हूं कि मुसलमानों के जज्बात इससे कितना जुड़े हैंयय वो अपने बंगलों में बैठ कर कभी नहीं समझ सकते.
केंद्र में सत्ता की भागीदार TDP मुखिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं नायडू का शुक्रिया करता हूं. बीजेपी की हुकूमत को मुल्क के लोगों ने हरा दिया, लेकिन दो बैसाखियों पर बीजेपी की हुकूमत बैठी है. नवाब जान, TDP के वाइस प्रेजिडेंट को नायडू साहब ने यहां भेजा है, जो यहां की बात को उनको बताएंगे. इस महीने के आखिर में हम 15 दिसंबर को नायडू के क्षेत्र में 5 लाख मुसलमानों को इकट्ठा करेंगे.
‘इस बिल के अंदर भरा है जहर’
अरशद मदनी ने TDP और जेडीयू को चेताते हुए कहा कि अगर ये कानून पास हो गया तो फिर जिन बैसाखियों पर बैठकर मुल्क में बीजेपी हुकूमत कर रही है तो उनकी भी जिम्मेदारी होगी. इस बिल के अंदर जहर पड़ा हुआ है जो मुसलमानों को नुकसान पहुंचाएगा.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कही थी ये बात
बता दें कि इससे पहले शनिवार (2 अक्टूबर 2024) को ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा था कि अगर मुसलमान विधेयक में संशोधन नहीं चाहते हैं तो इसे दरकिनार कर देना चाहिए. एआईएमपीबी के महासचिव मौलाना मोहम्मद फजलूर्रहीम मुजद्दीदी ने बेंगलुरु में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, महज 13 दिन में 3.66 करोड़ से ज्यादा मुसलमानों ने ईमेल के जरिए वक्फ संशोधन विधेयक पर अपना विरोध जताया है. जब मुसलमान इस विधेयक को नहीं चाहते हैं तो सरकार को इसे दरकिनार कर देना चाहिए.
‘मुसलमान क्या चाहते हैं, इस पर किया जाए विचार’
एआईएमपीबी ने कहा था कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) ने इस मुद्दे पर जनता की राय मांगी थी. मुजद्दिदी ने शनिवार को कहा, “इससे पहले वक्फ बोर्ड के लिए लाए गए सभी संशोधनों का उद्देश्य इसे मजबूत करना था. हम जानते हैं कि मौजूदा विधेयक वक्फ बोर्ड को कमजोर करेगा. यही वजह है कि एआईएमपीबी इन संशोधनों को स्वीकार नहीं कर रहा है. वे यह भी तय करेंगे कि इस मामले को कानूनी रूप से कैसे निपटाया जाए. हम आग्रह करते हैं कि इस मुद्दे पर ध्यान दिया जाए और इस बात पर विचार किया जाए कि मुसलमान क्या चाहते हैं.”
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Published at : 03 Nov 2024 11:30 AM (IST)
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