नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के एक्स पर एक पोस्ट से देश की राजनीति गर्माहट आ सकती है. दरअसल, रविवार को विश्व हिंदू परिषद के ‘विधि प्रकोष्ठ’ ने एक बैठक आयोजित की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट और देश के कई उच्च न्यायालयों के लगभग 30 रिटायर्ड जजों ने भाग लिया था. इस बैठक में वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद, मथुरा विवाद और वक्फ संशोधन बिल सहित कई मसलों पर चर्चा हुई. इस मीटिंग के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि उन कयासों पर विहिप की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आई है.
विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार ने इस बैठक के बाद कहा, ‘हमने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को आमंत्रित किया था. समाज के सामने मौजूद सामूहिक मुद्दों जैसे वक्फ (संशोधन) विधेयक, मंदिरों को वापस सौंपना, मंदिरों पर सरकारी नियंत्रण सहित धर्मांतरण आदि – पर चर्चा की गई. इसका उद्देश्य न्यायाधीशों और विहिप के बीच विचारों का मुक्त आदान-प्रदान करन था ताकि दोनों एक-दूसरे के बारे में समझ विकसित कर सकें.’
विहिप की पूर्व जजों के साथ मंथन
विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने न्यूज 18 के साथ बातचीत में कहते हैं, देखिए मैं इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दे पाऊंगा, लेकिन विहिप समय-समय पर विचारों के आदान-प्रदान करती रहती है. रविवार को मीटिंग भी एक ऐसा ही मंच था. राष्ट्रवाद और हिंदुत्व पर चर्चा हुई. साथ ही हिंदुओं को प्रभावित करने वाले कानूनों, मंदिरों की मुक्ति, धर्मांतरण, गायों की हत्या और वक्फ बोर्ड पर चर्चा की गई.’
आज विश्व हिंदू परिषद के विधि प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित Judge’s Meet समारोह में सहभागिता करके विकसित भारत के निर्माण संबंधित न्यायिक सुधारो से जुड़े विषयों पर विस्तृत संवाद किया।
इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष श्री आलोक कुमार जी की गरिमामयी उपस्थित में सेवानिवृत्त… pic.twitter.com/4CSkoeuE0a— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) September 8, 2024
आपको बता दें कि रविवार देर रात कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इस मीटिंग की चार तस्वीरें एक्स पर पोस्ट कीं, जिसमें कई पूर्व न्यायाधीशों के अलावा आलोक कुमार और संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन जैसे वरिष्ठ वीएचपी नेता भी दिख रहे थे. मेघवाल ने अपने पोस्ट में कहा, ‘भारत को एक विकसित देश बनाने के उद्देश्य से न्यायिक सुधारों पर विस्तृत चर्चा हुई. सेवानिवृत्त न्यायाधीश, न्यायविद, वरिष्ठ वकील और बुद्धिजीवियों की उपस्थिति में’
क्या कहते हैं राजनीतिक विश्लेषक
राजनीतिक विश्लेषक विहिप द्वारा आयजित इस मीटिंग के मायने तलाश रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक अरुण कुमार कहते हैं, देखिए संघ या विहिप समय-समय पर समसामयिक मुद्दों पर चर्चा करती रहती है. यह कोई नई बात नहीं है. इनका राष्ट्र निर्माण ही मुख्य उद्देश्य है. हालांकि, निश्चतरूप से मथुरा और काशी के जो सालों से मसले लंबित हैं. उस पर चर्चा हुई होगी. जैसा कि विहिप ने बताया भी है. अशोक सिंघल जी के समय तो इस तरह की खूब मीटिंग हुआ करती थी. प्रवीण तोगड़िया जब सक्रिय थे वे भी काफी बढ़ चढ़कर इन मुद्दों को लेकर मीटिंग करते रहते थे. ‘
हाल के दिनों में कई भाजपा शासित राज्यों द्वारा पारित कुछ धर्मांतरण विरोधी कानून अदालतों की जांच के दायरे में आ गए हैं. वक्फ संशोधन विधेयक तो संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया है, जिस पर एनडीए के सहयोगी दल टीडीपी, जेडीयू और एलजेपी ने आपत्ति व्यक्त की है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के 2019 में अयोध्या पर आए फैसले के बाद संघ का विचार है कि कानून और व्यवस्था को बाधित करने वाले जमीनी स्तर के आंदोलनों पर जोर देने के बजाय, अदालतों के माध्यम से काशी और मथुरा जैसे विवादास्पद मामलों पर भी न्याय प्राप्त किया जाए. लेकिन, विहिप कोशिश कर रही है कि अयोध्या की तरह मथुरा और काशी पर भी जल्द फैसला आए.
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FIRST PUBLISHED :
September 10, 2024, 22:44 IST