होमशिक्षाUPSC Success Story: डिप्रेशन ने छीन लिया था चैन, सुसाइड के आने लगे थे ख्याल, फिर ऐसे जीता खुद का भरोसा और बन गए IPS
UPSC Success Story: डिप्रेशन ने छीन लिया था चैन, सुसाइड के आने लगे थे ख्याल, फिर ऐसे जीता खुद का भरोसा और बन गए IPS
IPS Success Story: अमित लोढ़ा बिहार के टॉप अधिकारियों में से एक हैं. उन्होंने देश के प्रतिष्ठित आईआईटी दिल्ली से पढ़ाई पूरी की है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: chandrel3019 | Updated at : 26 Jun 2024 05:36 PM (IST)
आईपीएस अमित लोढ़ा. ( Image Source :@Ipsamitlodha7 )
IPS Amit Lodha Success Story: कहते हैं खुद पर अगर भरोसा हो तो नामुमकिन भी मुमकिन हो जाता है. वेबसीरीज से चर्चा में आ चुके आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा के जीवन की कहानी कुछ ऐसी ही है. कई नक्सली गैंग का सफाया करने वाले आईपीएस अमित लोढ़ा के जीवन में भी एक समय ऐसा आया था जब वह डिप्रेशन का शिकर हो गए थे और आत्महत्या करने के बारे में सोचने लगे थे. हालांकि उन्होंने हिम्मत दिखाई और खुद पर भरोसा बनाए रखा. उनके इसी भरोसे ने उन्हें स्वर्णिम सफलता का मुकाम दिलाया.
आईआईटी दिल्ली में पढ़ाई के दौरान अमित का हौंसला जवाब देने लगा था. गणित जैसे विषय में उनका प्रदर्शन लगातार गिरता जा रहा था. उनके खराब प्रदर्शन के कारण उनके साथी उनसे दूरी बनाने लगे थे. अपने प्रति दुर्व्यवहार से आहत अमित धीरे-धीरे डिप्रेशन में जाने लगे. इससे उनका पढ़ाई में प्रदर्शन और खराब होता गया. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. खुद पर भरोसे को बनाए रखा. गणित में ई-कैटेगरी मिलने के बाद भी उन्होंने खुद को टूटने नहीं दिया.
खुद पर अटूट भरेासे का इससे बेहतर शायद ही कोई उदाहरण हो. अमित ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान उसी विषय को मुख्य विषय के तौर पर चुना जिसके कारण आईआईटी में वह खुद को खत्म करने के बारे में सोचने लगे थे. यूपीएससी की परीक्षा में गणित में अमित ने न केवल अच्छे मार्क्स हासिल किए बल्कि बेहतर रैंक लाकर यह साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो और खुद पर भरोसा हो तो कोई मंजिल दूर नहीं.
खत्म किया महतो गैंग का चैप्टर
सुपर कोप के नाम से जाने-जाने वाले अमित लोढ़ा किसी परिचय के मोहताज नहीं है. बिहार में क्राइम के चैप्टर पर रोक लगाने में इनकी खास भूमिका रही है. उन्होंने साल 1995 में अपनी पढ़ाई पूरी की थी और 1998 में आईपीएस के तौर पर ज्वाइन किया था. खट्टे-मीठे अनुभवों के साथ अमित का करियर आगे बढ़ ही रहा था कि वर्ष 2005 में नए नवेले जिला बने शेखपुरा में उन्हें भेजा गया है. जहां उनका सामना महतो गैंग से हुआ. काफी सूझबूझ और बहादुरी के चलते अमित ने इस गैंग का चैप्टर क्लोज कर दिया. जिसके बाद से उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
शेड्यूल बनाकर की तैयारी
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Published at : 26 Jun 2024 05:36 PM (IST)
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