Curated byअंशुल तलमले | नवभारतटाइम्स.कॉम | 1 May 2024, 7:01 pm
Rinku Singh: 2 जून में अमेरिका और वेस्टइंडीज में होने वाले टी-20 विश्व कप के लिए रिंकू सिंह भारत की 15 सदस्यीय टीम में जगह बनाने के तगड़े दावेदार थे। उन्होंने भारत के लिए 15 टी-20 मैच में दो अर्द्धशतक जड़े हैं और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 176 से ज्यादा रहा है।
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नई दिल्ली: टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय स्क्वॉड का ऐलान हो चुका है। पूरे साल नेशनल टीम का हिस्सा रहे रिंकू सिंह को टूर्नामेंट से ठीक पहले टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। एक्स फैक्टर कहलाए जा रहे रिंकू सिंह की जगह शिवम दुबे को टीम में जगह मिली। शिवम दुबे के सिलेक्शन के पीछे मास्टरमाइंड एमएस धोनी का अहम योगदान रहा क्योंकि रिंकू को लेकर जो गलती उनकी आईपीएल टीम केकेआर ने की, वो मिस्टेक सीएसके ने नहीं दोहराई। चलिए आपको विस्तार से पूरी कहानी समझाते हैं कि कैसे रिंकू सिंह पर शिवम दुबे भारी पड़ गए।
शिवम को मिले रिंकू से ज्यादा मौके
दरअसल, चेन्नई सुपरकिंग्स और उनके चतुर रणनीतिज्ञ महेंद्र सिंह धोनी 2021 सीजन से शिवम दुबे का अधिकतम उपयोग कर रहे हैं। शिवम दुबे को मौजूदा सत्र में अब तक नौ मैच में 203 गेंद खेलने को मिली हैं। यह प्रति मैच लगभग 23 गेंद होती है जो रिंकू से 13 ज्यादा हैं। दुबे ने अब अब 24 चौके और 26 छक्के मारे हैं। रिंकू ने अपनी 82 गेंद में नौ चौके और छह छक्के लगाए हैं। मध्यम तेज गति के गेंदबाज दुबे गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि धोनी ने सही आंका है कि उनकी गेंदबाजी क्षमता उम्मीद के मुताबिक नहीं है और विरोधी बल्लेबाज उन्हें निशाना बना सकते हैं। धोनी ने दुबे का सबसे अच्छा उपयोग किया और धीमी पिच पर पावर हिटिंग के उनके कौशल की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने का दावेदार बनाया।
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23 मई तक बदल सकता है स्क्वॉड
यह स्पष्ट नहीं है कि यदि इंपैक्ट प्लेयर नियम नहीं होता तो क्या धोनी और सुपरकिंग्स के कप्तान रुतुराज गायकवाड़ दुबे का इस तरह उपयोग कर पाते। जैसे अंबाती रायुडू का बाहर होना 2019 एकदिवसीय विश्व कप से पहले सबसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णयों में से एक था, यह आशा ही की जा सकती है कि मुख्य टीम से रिंकू सिंह का बाहर होना नुकसानदायक नहीं होगा। साथ ही अगर चयनकर्ताओं को जरूरी लगता है तो 23 मई तक उन्हें टीम में बदलाव करने के लिए किसी अन्य की जरूरत नहीं होगी।