हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाSupreme Court: प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई
Supreme Court: प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई
Places of Worship Act: यह अधिनियम किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप में परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाता है. चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इस मामले पर सनवाई करेगी.
By : पीटीआई- भाषा | Edited By: Vikram Kumar | Updated at : 15 Feb 2025 04:05 PM (IST)
प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई
Places of Worship Act: सुप्रीम कोर्ट प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (विशेष प्रावधान), 1991 से संबंधित याचिकाओं पर 17 फरवरी यानी सोमवार को सुनवाई करेगा. कोर्ट की वेबसाइट पर 17 फरवरी के लिए अपलोड की गई कार्यसूची के अनुसार, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टसि केवी विश्वनाथन की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दा इससे बाहर था
यह अधिनियम किसी भी पूजा स्थल के धार्मिक स्वरूप में परिवर्तन पर प्रतिबंध लगाता है. कानून में किसी स्थान के धार्मिक स्वरूप को 15 अगस्त 1947 के अनुसार बनाए रखने की बात कही गई है. बहरहाल, अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुद्दे से संबंधित विवाद को इसके दायरे से बाहर रखा गया था.
ओवैसी की याचिका पर कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार
कोर्ट पूजा स्थल कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने के अनुरोध वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका पर विचार करने पर दो जनवरी को सहमत हो गया था. चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ ने पिछले साल 12 दिसंबर को अपने अगले आदेश तक देश की अदालतों को धार्मिक स्थलों, विशेषकर मस्जिदों और दरगाहों पर दावा करने संबंधी नए मुकदमों पर विचार करने और लंबित मामलों में कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने से रोक दिया था.
कोर्ट ने 18 केस में कार्यवाही को रोक दिया था
पीठ उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर मुख्य याचिका भी शामिल थी. उपाध्याय ने याचिका में पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 के विभिन्न प्रावधानों को चुनौती दी है. शीर्ष अदालत ने पिछले साल 12 दिसंबर के अपने आदेश के जरिए विभिन्न हिंदू पक्षों द्वारा दायर लगभग 18 मुकदमों में कार्यवाही को प्रभावी रूप से रोक दिया था, जिसमें वाराणसी में ज्ञानवापी, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद सहित 10 मस्जिदों के मूल धार्मिक चरित्र का पता लगाने के लिए सर्वेक्षण का अनुरोध किया गया था.
संभल में सर्वे के दौरान हुई थी झड़प
संभल में शाही जामा मस्जिद में सर्वेक्षण के दौरान हुई झड़पों में चार लोगों की जान चली गई थी. पीठ ने कहा था, ‘‘क्योंकि मामला इस अदालत में विचाराधीन है, इसलिए हम यह उचित समझते हैं कि इस अदालत के अगले आदेश तक कोई नया मुकदमा दर्ज न किया जाए.’’ इसने कहा था कि प्राथमिक मुद्दा 1991 के कानून की धाराओं तीन और चार से संबंधित है. धारा तीन किसी धार्मिक समूह से संबंधित पूजा स्थल को दूसरे धार्मिक समूह से संबंधित पूजा स्थल में बदलने पर रोक लगाती है जबकि धारा चार कुछ पूजा स्थलों की धार्मिक प्रकृति की घोषणा और अदालतों के अधिकारक्षेत्र पर रोक आदि से संबंधित है.
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Published at : 15 Feb 2025 04:05 PM (IST)
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