
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई (फाइल फोटो) – फोटो : एएनआई
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अल्फाबेट और गूगल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुंदर पिचाई एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने के करीब हैं। पिचाई के नेतृत्व में कंपनी के शेयरों में 400 फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसने बाजार के रुझान को भी पीछे छोड़ दिया है। हाल ही में कंपनी की पहली तिमाही की आय उम्मीदों से बेहतर रही और उसने पहली बार इतना मुनाफा दर्ज किया है। इन सबका फायदा पिचाई को हो रहा है। उन्हें दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सीईओ में से एक बना दिया है।
पिछले करीब नौ सालों से गूगल के सीईओ के रूप में पिचाई काम कर रहे हैं। वह अगस्त 2015 में गूगल के सीईओ बने थे। अब कंपनी के शेयर में 400 फीसदी से अधिक उछाल आया है। यह एसएंडपी 500 और नैस्डैक से काफी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। कंपनी की पहली तिमाही की आय उम्मीदों से कई गुना बेहतर रही। बताया जा रहा है कि कंपनी को क्लाउड कंप्यूटिंग इकाई में एआई-संचालित वृद्धि से बढ़ावा मिला है। कंपनी ने अपने इतिहास में पहली बार इतना मुनाफा कमाया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शेयरों के भारी उछाल ने सुंदर पिचाई को दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सीईओ में से एक बना दिया है। उनकी संपत्ति लगभग एक अरब डॉलर हो गई है। हालांकि, इन सब खबरों पर गूगल के एक प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
कौन हैं सुंदर पिचाई?
भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदरराजन है। उनका जन्म तमिलनाडु के मदुरै में 1972 में हुआ था, लेकिन वो चेन्नई में पले-बढ़े। उनकी मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर और पिता रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे। बताया जाता है कि वे एक छोटे से दो कमरों वाले अपार्टमेंट में रहते थे। यहां वह और छोटे भाई फर्श पर सोते थे। एक इंटरव्यू में पिचाई ने बताया था कि उनके बचपन के अधिकांश समय में उनके पास टेलीविजन या कार जैसी सुविधाएं नहीं थीं। कभी-कभी उनके घर में पानी भी नहीं होता था। 12 साल की उम्र में, उनके परिवार को पहला रोटरी टेलीफोन मिला।
पिचाई का कहना है कि इसी टेलीफोन ने उन्हें टेक्नॉलजी की दुनिया से परिचित कराया। वह अपने पिता, जो ब्रिटिश समूह जीईसी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे, के काम को देखकर टेक इंडस्ट्री की ओर आकर्षित हुए। उन्होंने स्कूल में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और खड़गपुर के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।
बतौर प्रोडक्ट मैनेजर की थी पहली नौकरी
आईआईटी खड़गपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सुंदर पिचाई को अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप मिली। यह उनके लिए एक बड़ा मौका था, लेकिन अमेरिका जाने का खर्च उठाना उनके परिवार के लिए आसान नहीं था। पिचाई के पिता ने अपने बचाए हुए एक हजार डॉलर से उन्हें अमेरिका भेजा। पिचाई ने साल 2014 में दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके माता-पिता ने वही किया जो कोई भी अभिभावक करता। उन्होंने अपने पूरे जीवन की बचाई हुई कमाई अपने बच्चे को पढ़ाने में लगा दी।
पिचाई ने गूगल को दिया था ये सुझाव
अप्रैल 2004 में सुंदर ने गूगल ज्वाइन किया था। गूगल में सुंदर पिचाई पहला प्रोजेक्ट प्रोडक्ट मैनेजमेंट और इनोवेशन शाखा में दिया गया। यहां उन्हें गूगल के सर्च टूल को बेहतर बनाने और दूसरे ब्रॉउजर के यूजर्स को गूगल पर लाने का काम दिया गया था। इसी दौरान सुंदर ने कंपनी को सुझाव दिया कि गूगल को अपना ब्राउजर लॉन्च करना चाहिए।
गूगल क्रोम के लॉन्च में निभाई थी अहम भूमिका
गूगल का एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम बनाने और 2008 में लॉन्च हुए गूगल क्रोम में सुंदर की अहम भूमिका रही। ऐसे काम और अपने आइडिया से वह गूगल के संस्थापक लैरी पेज की नजरों में आए। गूगल में प्रोडक्ट चीफ, एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम प्रमुख जैसे पदों पर रहने के बाद साल 2015 में उन्हें कंपनी का सीईओ बनाया गया।
सीईओ बनने के बाद से गूगल के उत्पाद में भारी विस्तार
पिचाई के सीईओ बनने के बाद से गूगल के उत्पाद में भारी विस्तार हुआ है, जिसमें गूगल असिस्टेंट, गूगल होम, गूगल पिक्सल और गूगस वर्कशॉप शामिल हैं। वे आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (एआई) को अपनाने वालों में सबसे आगे थे। हालांकि, अल्फाबेट के AI प्रोजेक्ट की आलोचना हुई है और कुछ निवेशकों ने OpenAI के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उनकी काबिलियत पर सवाल उठा दिए थे। फिर भी, पिछले हफ्ते की कमाई ने संकेत दिया कि कंपनी के एआई में किए गए निवेश का अब फायदा मिलना शुरू हो गया है।
पिचाई की कुल संपत्ति में मौजूदा शेयरों का मूल्य 42.4 करोड़ डॉलर और सीईओ बनने के बाद बेचे गए शेयरों से लगभग 60 करोड़ डॉलर शामिल है। माना जाता है कि बेचे गए शेयरों पर टैक्स चुकाया गया और फिर से शेयर बाजार में निवेश कर दिया गया।
शेयरधारकों के लिए सही काम किया
गूगल में पिचाई के साथ शुरुआती दिनों में उनके साथ काम करने वाले नरेंद्र देसाई का कहना है कि पिचाई का अरबपति बनना इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने कंपनी के टॉप पद पर रहते हुए कितना काम किया है। उन्होंने कहा, ‘इससे मुझे सबसे पहले यह पता चलता है कि उन्होंने शेयरधारकों के लिए सही काम किया है। उन्हें लाभ हुआ है क्योंकि गूगल के शेयरों ने वाकई अच्छा प्रदर्शन किया है।’