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होमन्यूज़विश्वSouth Africa Election result: साउथ अफ्रीका में नेल्सन मंडेला की पार्टी को बड़ा झकटा, 30 साल में पहली बार एएनसी ने खोया बहुमत
South Africa Election result: साउथ अफ्रीका में नेल्सन मंडेला की पार्टी को बड़ा झकटा, 30 साल में पहली बार एएनसी ने खोया बहुमत
South Africa: साउथ अफ्रीका के चुनाव आयोग ने अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं किया है, लेकिन बहुमत के लिए 50 फीसदी मतदान के आंकड़े पर एएनसी नहीं पहुंच सकती है. क्योंकि 99 फीसदी मतों की गिनती हो चुकी है.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: harshitga | Updated at : 02 Jun 2024 07:55 AM (IST)
साउथ अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोस. ( Image Source :@sholard_mancity )
South Africa Election result: साउथ अफ्रीका के चुनाव परिणाम में इस बार भारी उलटफेर नजर आ रहा है. नेल्सन मंडेला की पार्टी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (ANC) को इस बार संसद में बहुमत नहीं मिला. दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद से मुक्त कराने वाली पार्टी के साथ पिछले तीस साल में पहली बार ऐसा हो रहा है. बुधवार को हुए चुनाव के बाद 99 फीसदी मतगणना हो चुकी है, जिसमें सत्तारूढ़ पार्टी एएनसी को महज 40 फीसदी वोट मत मिलता नजर आ रहा है. यह आंकड़ा बहुमत से काफी पीछे हैं. 30 साल पहले साल 1994 में नेल्सन मंडेला के निर्वाचित होने के बाद पहली बार एएनसी को बहुमत हासिल नहीं हुआ.
साउथ अफ्रीका के चुनाव आयोग ने अभी तक अंतिम परिणाम जारी नहीं किया है, लेकिन बहुमत के लिए 50 फीसदी मतदान के आंकड़े पर एएनसी नहीं पहुंच सकती है. क्योंकि 99 फीसदी मतों की गिनती हो चुकी है. चुनाव आयोग के मुताबिक आज यानी रविवार तक पूरी तरह से परिणाम घोषित किए जा सकते हैं. देश के विपक्षी दलों ने इस बार के चुनाव परिणाम को महत्वपूर्ण सफलता बताया है, विपक्ष ने कहा, उनका देश गंभीर गरीबी और असमानता से जूझ रहा है.
एएनसी साउथ अफ्रीका में सबसे बड़ी पार्टी
फिलहाल, संसद में बहुमत हासिल नहीं होने के बावजूद एएनसी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को दोबारा से सरकार बनाने और राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को दोबारा चुनने के लिए गठबंधन का सहारा लेना होगा. राष्ट्रीय चुनाव के बाद साउथ अफ्रीका की संसद राष्ट्रपति का चुनाव करती है. इस परिणाम के बाद साउध अफ्रीका में तीन दशक से एएनसी का चला आ रहा प्रभुत्व समाप्त हो गया है. इसके अलावा एएनसी का रास्ता और भी कठिन दिख रहा है, क्योंकि अभी तक कोई भी विपक्षी दल गठबंधन के लिए सामने नहीं आया है.
दक्षिण अफ्रीका की मुख्य विपक्षी पार्टी ‘डेमोक्रेटिक अलायंस’ को करीब 21 फीसदी मत मिला है. देश के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की ‘एमके पार्टी’ ने पहले चुनाव में ही 14 फीसदी मत प्राप्त किया है, जिसके बाद वह देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इसके अलावा ‘इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स’ 9 फीसदी से अधिक मतों के साथ चौथे स्थान पर है. विश्लेषकों का मानन है कि सरकार बनाने के लिए अब वार्ताओं का दौर शुरू होने वाला है, लेकिन यह प्रक्रिया कठिन हो सकती है.
सिरिल रामाफोस का हो रहा विरोध
साउथ अफ्रीका के चुनाव में 50 से अधिक पार्टियों ने हिस्सा लिया है, लेकिन सभी बड़ी पार्टियां रामाफोसा को हटाने के साथ एएनसी से गठबंधन की बात कर रही है. ‘एमके पार्टी’ के प्रवक्ता नहलामुलो एन्डलेला ने कहा, ‘हम एएनसी के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन सिरिल रामाफोसा को पार्टी नेता और अध्यक्ष पद से हटा दिया जाए.’ इसके अलावा डेमोक्रेटिक अलायंस के नेता जॉन स्टीनह्यूसेन ने कहा, ‘हम 30 सालों से कहते आ रहे हैं कि साउथ अफ्रीका को बचाने के लिए एएनसी का बहुमत समाप्त करना जरूरी है.’
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Published at : 02 Jun 2024 07:55 AM (IST)
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