हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाShambhu Border: क्या खुलेगा शंभू बॉर्डर, SC में सुनवाई आज? जानिए क्या है किसानों की मांग और कब से बंद है सीमा
Shambhu Border: क्या खुलेगा शंभू बॉर्डर, SC में सुनवाई आज? जानिए क्या है किसानों की मांग और कब से बंद है सीमा
Farmer’s Protest Reason: किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर मौजूद शंभू बॉर्डर पर सर्दियों से ही डटे हुए हैं. बॉर्डर पर किसानों ने अपने ठहरने की पूरी व्यवस्था की हुई है.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: Anwar Ansari | Updated at : 21 Aug 2024 08:08 AM (IST)
Farmer’s Protest: पंजाब-हरियाणा की सीमा पर मौजूद शंभू बॉर्डर खोलने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार (21 अगस्त) को सुनवाई होने वाली है. कोर्ट आज किसानों से बातचीत के लिए वार्ताकारों के नाम तय कर सकता है. पिछली बार जब 12 अगस्त को शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई थी तो कोर्ट ने कहा था कि अंबाला और पटियाला के एसएसपी को बैठक कर बात करनी चाहिए और ये देखना चाहिए कि कुछ रास्तों को जरूरतमंद लोगों के लिए खोला जा सके.
ऐसे में आइए ये जानते हैं कि आखिर किसानों का प्रदर्शन क्यों चल रहा है? किन वजहों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और शंभू बॉर्डर कितने वक्त से बंद है? साथ ही ये भी जानने की कोशिश करते हैं कि शंभू बॉर्डर दिल्ली से कितनी दूर मौजूद है?
शंभू बॉर्डर कब से बंद है और कौन से संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं?
250 किसान संघों द्वारा किसान मजदूर मोर्चा और संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के बैनर तले विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. शंभू बॉर्डर 13 फरवरी से बंद है, जिस दिन पंजाब के कई किसान संघों ने अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था. किसानों के मार्च को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उन्हें रोकने के लिए अंबाला-नई दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड्स लगा दिए. इस तरह सुरक्षाबलों ने किसानों को वहीं पर रोक दिया और करीब सात महीने से अन्नदाता वहीं डटे हुए हैं.
किसानों की क्या मांग है?
शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों की प्रमुख मांग एमएसपी को लेकर है. एमएसपी वह कीमत है जिस पर सरकार किसानों से कृषि उपज खरीदने का वादा करती है. देश में 22 फसलों के लिए एमएसपी हैं, जिनमें मुख्य रूप से अनाज, दालें एवं तिलहन, धान आदि हैं. इसके अलावा भी किसानों की कुछ प्रमुख मांगें हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:-
- किसानों-मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए.
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को लागू किया जाए.
- लखीमपुर हिंसा के आरोपियों को सजा दिलवाई जाए. लखीमपुर में किसानों की गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गई थी.
- विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से बाहर निकला जाए और सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए.
- किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए पेंशन की व्यवस्था की जाए.
- दिल्ली में किसान प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को पेंशन दी जाए. साथ ही परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले.
दिल्ली से कितनी दूर है शंभू बॉर्डर?
शंभू बॉर्डर पंजाब के पटियाला जिले में आता है. इसकी सीमाएं हरियाणा के अंबाला से लगती हैं. शंभू बॉर्डर दिल्ली से करीब 200 किलोमीटर दूर है. किसानों को यहां तक पहुंचने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा, इसलिए बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर उन्हें वहीं रोका गया है.
यह भी पढ़ें: कैसे हुई प्रदर्शनकारी किसान शुभकरण सिंह की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा, खोपड़ी में मिली मैटल पैलेट
Published at : 21 Aug 2024 08:08 AM (IST)
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