मध्यप्रदेश के जबलपुर में बन रहे सबसे लंबे फ्लाईओवर ब्रिज को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। इस बीच लोक निर्माण मंत्री के निर्देश पर 9 जनवरी को विभाग की एक टीम ने मौके पर पहुंचकर ब्रिज का जायजा लिया। पीडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने इंजीनियरिंग ट
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इधर 800 करोड़ रुपए की लागत से फ्लाईओवर बनाने में अनियमितता पर लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह का भी बयान आया है। मीडिया से बात करते हुए लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि फ्लाईओवर ब्रिज में कभी भी कोई दिक्कत नहीं थी। ब्यूटीफिकेशन के अलावा उसमें और कोई दूसरा विषय नहीं है।
राकेश सिंह ने कहा कि संरचनात्मक, डिजाइन की भी कोई समस्या नहीं है। जैसे दो रेल की पटरी के बीच में गैप होता है, ठीक उसी तरह से इस फ्लाई ओवर ब्रिज में दिया गया है, जो कि जरूरी है, वह गैप स्ट्रक्चर फाल्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि समस्या सिर्फ रोटरी में ब्यूटीफिकेशन की थी, जो कि मौसम के कारण नहीं हो पाया। रोटरी में अगर वह गैप नहीं होगा, जिसे कि लोग दरार समझ रहे है, तो फिर फ्लाईओवर ब्रिज की लाइफ को खतरा हो सकता है, इसलिए ये गैप स्वाभाविक है।
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हाल ही में 800 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे फ्लाईओवर के निर्माण में अनियमितता के साथ-साथ शिकायतें और फिर कुछ तस्वीरें भी सामने आई थी। जिसमें बताया गया था कि निर्माण के दौरान ही उसमें दरारें आ रही हैं, तो फिर आगे क्या होगा। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने बयान में कहा था कि पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह जबलपुर के हैं। उन्होंने फ्लाईओवर निर्माण में कमीशन लिया है। पीडब्ल्यूडी विभाग का मतलब ही 50 प्रतिशत कमीशन होता है। इसके अलावा सदन में विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने अपने एक्स पोस्ट में सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा था कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की नई इबारत लिखी जा रही है। विपक्ष के आरोपों पर लोक निर्माण मंत्री के निर्देश पर अधिकारियों की एक टीम गठित की गई थी, जिसने की जांच रिपोर्ट तैयार कर मंत्री को सौंपा।
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बता दें कि 2019 में ब्रिज का शिलान्यास केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने किया था। कोरोना काल में लगभग डेढ़ साल तक काम बंद रहने के बावजूद, इसके निर्धारित समय सीमा में पूरा होने की आशा है। जनता की सुविधा के लिए फ्लाईओवर का एक भाग पहले ही खोला जा चुका है। लोक निर्माण विभाग के अनुसार, ब्रिज का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है।
ऐसा है जबलपुर का फ्लाईओवर
- जबलपुर शहर में दमोह नाका से मदन महल तक एक फ्लाईओवर का निर्माण जारी है, जिसकी अनुमानित लंबाई 7 किलोमीटर है।
- इस फ्लाईओवर में तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज शामिल हैं, जिनमें से दो रानीताल चौराहे पर स्थित हैं।
- बो-स्ट्रिंग ब्रिज के निर्माण के बावजूद, नीचे का चौराहा अपरिवर्तित रहेगा जहां पांच प्रमुख मार्ग मिलते हैं।
- चौराहे पर यातायात के भारी दबाव के कारण, दो बो-स्ट्रिंग ब्रिज के निर्माण का निर्णय लिया गया।
- प्रत्येक ब्रिज पर 50-50 फीट चौड़ी है। इससे यातायात के लिए 100 फीट चौड़ा मार्ग उपलब्ध होगा।
- तीसरा बो-स्ट्रिंग ब्रिज बल्देव बाग चौराहे पर निर्मित किया गया है।