चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को ऐलान किया कि वो अगले तीन वर्षों में अफ्रीकी देशों को 50 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज देने जा रहे हैं. वहां भारी मात्रा में इन्वेस्ट करेंगे. जिनपिंंग दावा कर रहे कि उनका मकसद अफ्रीका की गरीबी दूर करना है. लेकिन कहानी कुछ और ही है. मैन्यूफैक्चरिग में चीन का कोई जवाब नहीं. वह भारत समेत पूरी दुनिया को माल बेचता है. इससे मोटा पैसा कमाता है. लेकिन एक्सपर्ट के मुताबिक, जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम की शुरुआत की है, उसकी बेचैनी बढ़ गई है. इसी बीच पीएम मोदी ने एक ऐसा फैसला ले लिया है, जिससे चीन को समझ नहीं आ रहा कि वो अपना माल कहां बेचे. इसलिए वह अफ्रीका की ओर भाग रहा है.
दरअसल, चीन ने अफ्रीकी देशों का एक सम्मेलन बुलाया है. इसमें 50 देशों के नेता शामिल हो रहे हैं. इसी मौके पर जिनपिंंग ने कहा कि चीन उद्योग, कृषि, इंफ्रास्ट्रक्चर, व्यापार और निवेश में अफ्रीका के साथ सहयोग को गहरा करने के लिए तैयार है. हम उन्हें अत्याधुनिक चीजें दे सकते हैं. यहीं से कयास लगने लगे कि आखिर चीन की ख्वाहिश क्या है. दरअसल, चीन अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल और सोलर पैनल अफ्रीकी बाजार में बेचना चाहता है. क्योंकि भारत ने सोलर पैनल पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है. उधर, अमेरिका, कनाडा समेत तमाम यूरोपीय देशों ने चीन से इन सामानों के निर्यात पर 100% तक टैक्स लगा दिया है. इससे चीन को अपने प्रोडक्ट बेचने के लिए बाजार नहीं मिल रहा है. इसीलिए वह अफ्रीकी देशों को पैसे का लालच दे रहा है. उन्हें कर्ज के जाल में उलझा रहा है.
मौजूदा वक्त में कैसे हालात
भारत चीन से सोलर पैनल के आयात पर अंकुश लगा रहा है. सोलर पीवी सेल्स मंगाने पर पाबंदी लगा दी गई है. इससे चीन से आयात होने वाले सोलर पैनल के उपकरणों में कमी आई है. पहले भारत में आयात किए जाने वाले मॉड्यूल या पैनल के रूप में असेंबल किए गए फोटोवोल्टिक सेल में चीन का हिस्सा 82 फीसदी हुआ करता था, लेकिन इस फैसले के बाद आयात में काफी गिरावट आई है. उधर, यूरोपीय देशों की सख्ती ने चीन की हालत खराब कर रखी है. इंपोर्ट ड्यूटी की वजह से प्रोडक्ट जरूरत से ज्यादा महंगा हो रहा है और इस वजह से चीन को अपने प्रोडक्ट वापस मंगाने पड़े हैं. अब उसे बाजार नहीं मिल रहा है. इसलिए वह अफ्रीकी देशों की ओर भाग रहा है. वहां मार्केट बनाना चाह रहा है.
जब चीनी राजदूत ने भारत पर डाले डोरे
मोदीनॉमिक्स 3.0 से चीन इतना घबराया हुआ है कि चीनी राजदूत ने एक बार भारत को लुभाने की कोशिश भी की. जिस वक्त देश की नजर लोकसभा चुनाव के नतीजों पर थी, तब भारत में चीन के नए राजदूत जू फीहोंग (Xu Feihong) ने सोशल मीडिया पर भीषण गर्मी और लू की तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट की थी. इसके माध्यम से बताने की कोशिश की थी कि चीन किस तरह ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी का मास्टर है और भारत की नई सरकार उनके साथ मिलकर इस मामले में काम करे तो बेहतर होगा. एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था कि चीन न्यू एनर्जी व्हीकल यानी हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) या बैटरी से चलने वाले व्हीकल सेक्टर में भारत को सहयोग देने का इच्छुक है.
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FIRST PUBLISHED :
September 5, 2024, 23:54 IST