फोटोगैलरी: इन पांच बुलंद औरतों में बस एक बात है समान, इस बात का लोहा मान जाएंगे आप!
कह तो दिया जाता है कि महिलाएं और पुरुष बराबर हैं. लेकिन बात जब समाज में ट्रीटमेंट की आती है तो सबकुछ समान बाई-डिफॉल्ट होता नहीं है. यही वजह है कि जब महिलाएं अपने जेंडर के चलते संघर्षरत जीवन में तमाम चुनौतियों का सामना कर आसमान की ऊंचाइयों तक पहुंचती हैं, तो खबर बनती हैं. खबर बनती है कि कैसे उन्होंने खुद को डूबने या टूटने नहीं दिया, खुद को ऊपर उठाया, मुकाम हासिल किया और मुकाम पर पहुंच कर कई बार वे ऐसा कुछ कर जाती हैं कि दुनिया भौचक्क रह जाती है. यह भी होता है कि कई बार महिला विशेष अपने काम की ऐसी नजीर पेश कर दे कि वह फिर परंपरा ही बन जाए. आज हम ऐसी ही पांच महिलाओं के बारे में बात करेंगे जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया…
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जापान एयरलाइंस की पहली महिला सीईओ 59 साल की मित्सुको टोटोरी एक फ्लाइट अटेंडेंट से लेकर बोर्डरूम का नेतृत्व करने तक विभिन्न पड़ावों से गुजरीं. जापान के एक ऐसे समाज में जहां मैनेजर रोल में भी महिलाएं बेहद कम दिखती हैं, टोटोरी का होना चर्चा में है. कई गलोबल जेंडर इंक्वेलिटी इंडेक्सों में जापान की स्थिति खराब है. 2023 तक कॉर्पोरेट कार्यालयों में सीनियर रोल में केवल 12.9 प्रतिशत रोल में महिलाएं थीं. सीएनएन के साथ एक इंटरव्यू में टोटोरी ने कहा, जापान अभी भी महिला मैनेजरों की संख्या बढ़ाने के अपने शुरुआती लक्ष्य को पाने की कोशिश कर रहा है. मुझे उम्मीद है कि जापान जल्द ही एक ऐसी जगह बन जाएगा जहां किसी महिला के राष्ट्रपति बनने पर लोगों को आश्चर्य नहीं होगा.
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फॉर्च्यून ने 2023 में 17 ‘फॉर्च्यून 500 सीईओ’ की जो सूची जारी की, उसमें शेरिल सैनबर्ग भी थीं. अपनी अपार सफलता और फेसबुक पर मार्क जुकरबर्ग के बाद दूसरे नंबर पर होने के बावजूद शेरिल खुद को इंपोस्टर सिंड्राम की बीच भी पाती हैं. एक समय में सैंडबर्ग को फेसबुक की सफलता के लिए इतना जरूरी माना जाता था कि उनके मेटा छोड़ने को एक तरह से ‘निवेशकों के पैसे के लिए संभावित जोखिम’ के तौर पर देखा गया. Lean In: Women, Work and the Will to Lead – शेरिल की लिखी बेहद चर्चित किताब है. यह किताब ‘महिलाएं क्या नहीं कर सकती से हम क्या कर सकते हैं’ के चेंज नेरेटिव पर बात करती है. फेसुबक से पहले गूगल में 2001 से 2007 तक 4000 लोगों को उन्होंने भर्ती किया था. Google में पूर्व सेल्स एक्जीक्यूटिव और अमेरिकी ट्रेजरी में चीफ ऑफ स्टाफ के तौर पर ग्लोबल टेक्नॉलजी फील्ड की वह प्रभावशाली शख्सियतों में से एक हैं.
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दुनिया भर में मशहूर किताब Harry potter सीरीज की लेखक जेके रॉलिंग भी ऐसी ही पावरफुल महिलाओं की फेहरिस्त में आती हैं. सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सहारे कभी गुजर बसर करने वालीं रॉलिंग आज दुनिया का सेंसेशन हैं. 17 साल की उम्र में अपनी मां को खो देने वाली रॉलिंग ने पुर्तगाल जाकर इंग्लिश टीचर का काम किया और पुर्तगाली जर्नलिस्ट से विवाह किया जिसने बाद में इन्हें घर से बाहर निकाल दिया था. पास में छोटी बच्ची, न नौकरी, न खाने पीने का कोई ठिकाना… 12 पब्लिशरों ने इस किताब को पब्लिश करने से मना कर दिया था.
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अरबपति ओपरा विन्फ्रे दुनिया की सबसे शक्तिशाली और प्रभावशाली महिलाओं में से एक हैं. ओपरा का गढ़ा गया शब्द ‘पॉप कल्चर’ आज ‘ओपरा इफेक्ट’ के नाम से जाना जाता है. मिसिसिपी के कोसियुस्को के एक गांव में गरीबी में जन्मीं ओपरा ने 1976 में ‘पीपल आर टॉकिंग’ नामक टॉक शो की मेजबानी की, यूनिवर्सिटी डिग्री पूरी करने के बाद न्यूज एंकर के रूप में काम किया. बाद में किया गया उनका टीवी शो ओपरा विन्फ्रे शो टेलीविजन के इतिहास में सबसे ज्यादा रेटिंग वाला टॉक शो है. सालों तक इस शो के चलने और दुनिया भर में प्रभाव रखने वाले इस शो के अंत के बाद उन्होंने अपना खुद का क Oprah Winfrey Network (OWN) बना लिया.
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बतौर सीईओ अपने 12 साल के कार्यकाल के दौरान इंदिरा नूयी ने पेप्सिको को दुनिया भर में सबसे सफल एफएमसीजी कंपनियों में से एक में बदल दिया. फूड पैकेजिंग पर ध्यान देने के साथ-साथ डाइट कोक आदि जैसे विकल्पों पर उनके जोर देने से उनके सीईओ रहने के 12 सालों में पेप्सिको की बिक्री में 80 प्रतिशत का इजाफा हुआ. बेहद कम संसाधनों के साथ पली-बढ़ीं लेकिन कारोबार में सबसे शक्तिशाली महिलाओं में से एक बन गईं इंदिरा नूयी ने जेंडर आधारितक और रेसिज्म भी झेला मगर डटी रहीं.