स्वामी रामदेव – फोटो : एएनआई (फाइल)
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योग गुरू स्वामी रामदेव के नेतृत्व वाले पतंजलि समूह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने इस समूह की कंपनियों पतंजलि आयुर्वेद औऱ पतंजलि फूड्स को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
कंपनी ने कहा कि उसे एक कारण बताओ नोटिस मिला है। जिसमें कंपनी और उसके अधिकारियों को से कारण बताने को कहा गया है कि क्यों न उससे 27.46 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट वसूला जाए और जुर्माना क्यों न लगाया जाए।
डीजीजीआई ने केंद्रीय वस्तु एवं सेवा अधिनियम 2017 और उत्तराखंड राज्य वस्तु एवं सेवा अधिनियम 2017 की धारा 74 और अन्य लागू प्रावधानों का हवाला दिया है। वहीं, पतंजलि फूड्स ने कहा, प्राधिकरण ने अभी केवल कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी अपने बचाव के लिए जरूर कार्रवाई करेगी।
कंपनी ने कहा, कार्यवाही पूरी होने तक अपेक्षित वित्तीय निहितार्थ तय नहीं किए जा सकते। पिछले हफ्ते पतंजलि फूड ने कहा था कि वह पतंजलि आयुर्वेद के गैर-खाद्य व्यवसाय के अधिग्रहण के प्रस्ताव का मूल्यांकन करेगी।
पतंजलि फूड्स को पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। यह एक प्रमुख एफएमसीजी खिलाड़ी है। कंपनी खाद्य तेलों, खाद्य और एफएमसीजी और पवन उर्जा उत्पादन क्षेत्रों में पतंजलि, रुचि गोल्ड, न्यूट्रेला आदि जैसे ब्रांड के गुलस्ते के जरिए काम करती है। पतंजिल ने दिवालिया प्रक्रिया के जरिए रुचि सोया का अधिग्रहण किया था और बाद में कंपनी का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स लिमिटेड कर दिया गया था।
पतंजलि के 10 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस रद्द
उत्तराखंड के औषधि नियंत्रण प्रशासन की ओर से जारी एक आदेश के मुताबिक, पतंजलि के 10 दिव्य फार्मेसी उत्पादों के विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। यह आदेश इस महीने की शुरुआत में जारी किया गया था। इसमें कंपनी द्वारा औषधि और जादुई उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम और औषधि एवं कॉस्मेटिक अधिनियम का उल्लंघन करते हुए इन उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के बारे में शिकायतों का संज्ञान लिया गया था।
आदेश के मुताबिक जिन दिव्य फार्मेसी उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस रद्द किए गए किए गए हैं, उनमें श्वसारी गोल्ड, श्वसारि वटी, ब्रोंकोम, श्वसारि अवलेहा, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडॉम, बीपी ग्रित, मधुग्रित और मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर शामिल हैं।