होमन्यूज़इंडियाNCERT की किताबों में बदला बाबरी मस्जिद का नाम तो भड़के ओवैसी, बोले- याद है सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था
Babri Masjid Controversy: एनसीईआरटी की 12वीं क्लास की राजनीति विज्ञान की किताब में कुछ बदलाव किए गए हैं. किताब में अयोध्या विवाद को फिर से लिखा गया है. हालांकि, इस मुद्दे पर अब सियासत तेज हो गई है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Mayank Tiwari | Updated at : 18 Jun 2024 03:21 PM (IST)
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (फाइल फोटो) ( Image Source :PTI )
Babri Masjid Controversy: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ने 12वीं और 11वीं क्लॉस की पॉलिटिकल साइंस की किताब में कई बड़ें बदलाव किए हैं. जिसमें एनसीईआरटी ने 12वीं क्लॉस की पॉलिटिकल साइंस की किताब ‘बाबरी मस्जिद’ शब्द को हटा दिया है. इसकी जगह पर ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है. इसको लेकर अब एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने एनसीईआरटी और मोदी सरकार पर निशाना साधा है.
दरअसल, एआईएमआईएम प्रमुख और मौजूदा हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट लिखते हुए कहा कि एनसीईआरटी ने बाबरी मस्जिद की जगह “तीन गुंबद वाली संरचना” शब्द लिखने का फैसला किया है. इसने अयोध्या के फैसले को “सर्वसम्मति” का उदाहरण बताने का भी फैसला किया है. ओवैसी ने आगे कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद के विध्वंस को “घोर आपराधिक कृत्य” कहा है.
इस दौरान एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भारत के बच्चों को पता होना चाहिए कि साल 1949 में एक चालू मस्जिद को अपवित्र किया गया और फिर 1992 में भीड़ ने उसे ध्वस्त कर दिया. ऐसे में एनसीईआरटी को आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए.
The NCERT has decided to replace Babri Masjid with the words “three domed structure.” It has also decided to call the Ayodhya judgement an example of “consensus.” India’s children should know that the Supreme Court called the demolition of Babri Masjid an “egregious criminal…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) June 18, 2024
जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एनसीईआरटी की पुरानी किताब में बाबरी मस्जिद को 16वीं सदी की मस्जिद के रूप में पेश किया गया है, जिसे मुगल बादशाह बाबर के जनरल मीर बाकी ने बनवाया था. हालांकि, अब, चैप्टर में इसे ‘तीन गुंबद वाली संरचना’ के रूप में दिखाया गया है, जिसे साल 1528 में श्री राम के जन्मस्थान पर बनाया गया था, लेकिन संरचना के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों में हिंदू प्रतीकों और अवशेषों का साफतौर पर प्रदर्शन किया गया था.
जबकि, एनसीईआरटी की पुरानी किताब में दो पन्नों से ज्यादा फैजाबाद (अब अयोध्या) जिला कोर्ट के आदेश पर फरवरी 1986 में मस्जिद के ताले खोले जाने के बाद ‘दोनों तरफ’ की लामबंदी का बखान किया गया था.
ये भी पढ़ें: ‘धोखाधड़ी करने वाला कोई डॉक्टर बन गया तो…’, नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
Published at : 18 Jun 2024 03:18 PM (IST)
हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें ABP News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ लाइव पर पढ़ें बॉलीवुड, लाइफस्टाइल, न्यूज़ और खेल जगत, से जुड़ी ख़बरें Khelo khul ke, sab bhool ke – only on Games Live
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
‘धोखाधड़ी करने वाला कोई डॉक्टर बन गया तो…’, नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट की अहम टिप्पणी
चीन को बड़ा झटका, दलाई लामा से मिलने भारत आईं नैंसी पेलोसी, तिब्बत के लिए बिल भी पास
अमाला पॉल की तरह आप भी रख सकती हैं बेटे का नाम इलई, जानें क्या होता है इसका मतलब?
सुख-चैन छीन सकती है स्मार्टफोन की लत, शरीर बन जाएगा बीमारियों का घर
वीडियोज
फोटो गैलरी
ट्रेडिंग ओपीनियन
कमर आगाअंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार