हिंदी न्यूज़न्यूज़विश्वMuslim Population in 2050: 1,161,780,000 बढ़ जाएंगे मुस्लिम… दो-तीन सौ नहीं सिर्फ 26 साल और
प्यू रिसर्च सेंटर का कहना है कि हाई फर्टिलिटी रेट और अधिक युवा मुस्लिम जनसंख्या के कारण मुसलमानों की आबादी में दूसरे धर्मों के मुकाबले ज्यादा बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है.
By : एबीपी लाइव डेस्क | Edited By: Neelam Rajput | Updated at : 26 Dec 2024 05:22 PM (IST)
2010 से 2050 के बीच सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ेगा मुसलमानों की जनसंख्या
एक अरब, 16 करोड़, 17 लाख, 80 हजार… दुनिया भर के मुस्लिमों की जनसंख्या में इतना इजाफा होने का अनुमान है और इसमें 200-300 साल नहीं लगेंगे, बल्कि कुछ दशकों में ही ऐसा होने का अनुमान लगाया गया है. प्यू रिसर्च सेंटर ने सबसे तेजी से बढ़ने वाले धर्म को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें ईसाई, मुस्लिम, हिंदू, बौद्ध समेत कई धर्म शामिल हैं. इसमें 2010 से 2050 के बीच इन समुदायों की आबादी में होने वाले बदलाव का अनुमान लगाया गया है.
रिपोर्ट का कहना है कि 2010 से 2050 के बीच सिर्फ 40 साल में मुस्लिमों की जनसंख्या में 1,161,780,000 अंतर आ जाएगा. वर्तमान में इस्लाम दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय है और 2010 में इसकी कुल जनसंख्या 1,599,700,000 थी, जो 2050 तक दो अरब से भी ज्यादा हो जाएगी. रिपोर्ट के अनुसार 26 साल बाद दुनियाभर में 2,761,480,000 मुस्लिम होंगे. ईसाईयों की बात करें तो वर्तमान में सबसे बड़ा धर्म क्रिश्चेनिटी है, दुनियाभर में कुल 2,168,330,000 ईसाई रहते हैं यानी विश्व की कुल आबादी का 31.4 फीसदी क्रिश्चन हैं.
2050 तक कितनी होगी ईसाइयों की जनसंख्या?
2050 तक ईसाइयों की आबादी में करीब 80 करोड़ का इजाफा होने का अनुमान है यानी मुस्लिमों के मुकाबले क्रिश्चन आबादी में कम बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. रिपोर्ट के अनुसार 2050 तक क्रिश्चन आबादी 2,918,070,000 हो जाएगी. 2010 से 2050 तक ईसाइयों की आबादी में कुल 74,97,40,000 का अंतर आ जाएगा. इन आंकड़ों को देखें तो आने वाले समय में सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म इस्लाम है.
किन कारणों से तेजी से बढ़ रहे मुसलमान?
रिपोर्ट में कहा गया कि मुसलमानों की आबादी में वृद्धि के पीछे युवा आबादी और उच्च प्रजनन दर जैसे फैक्टर हैं. मुस्लिमों का फर्टिलिटी रेट दूसरे धर्मों की तुलना में सबसे ज्यादा है. इस धर्म में प्रति महिला प्रजनन दर 3.1 है, जबकि क्रिश्चन में 2.7 है. रिपोर्ट में कहा गया कि विकासशील देशों में फर्टिलिटी रेट ज्यादा है, जबकि मृत्युदर कम है, जिसकी वजह से सब-सहारा अफ्रीका जैसे इलाकों में मुस्लिम और ईसाई आबादी में 2050 तक 12 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान है.
प्यू रिसर्च ने बताया कि 2010 में दुनिया में 34 फीसदी मुस्लिम आबादी 15 साल से कम उम्र की थी, 60 फीसदी 15 से 59 साल की थी और सिर्फ 7 फीसदी लोग 60 या उससे ज्यादा उम्र के थे. सबसे ज्यादा मुस्लिम अफ्रीका और मिडिल ईस्ट में रहते हैं, जहां वैश्विक जनसंख्या वृद्धि दर सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है.
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Published at : 26 Dec 2024 05:22 PM (IST)
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