IFS Story: यूपीएससी सिविल सेवा के जरिए IAS, IPS और IFS अधिकारी बनते हैं. बाद में सर्विस के दौरान कई उतार चढ़ाव भी होते हैं. ऐसे ही कहानी IFS ऑफिसर मोहन चौधरी की है. IFS मोहन चौधरी को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा 8 अगस्त को जारी ऑर्डर में निलंबित करने के संबंध में बताया गया है. इसमें जम्मू-कश्मीर सरकार के आदेश संख्या 16-जेके (एफएसटी) 2022 दिनांक:- 13-02-2022 और रिलीविंग ऑर्डर संख्या सीसीएफ-जे/एस्ट/जी/859-62 दिनांक:- 14-02-2022 के अनुपालन में डीसीएफ लद्दाख के रूप में शामिल नहीं होने पर आईएफएस अधिकारी मोहन चौधरी (एजीएमयूटी: 2014 बैच) को निलंबित करने के संबंध में कहा गया है.
IFS मोहन चौधरी ने इस संबंध में कहा कि जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 ने प्रशासनिक उद्देश्य के लिए पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर लद्दाख क्षेत्र को दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू और कश्मीर यूटी और लद्दाख यूटी में विभाजित कर दिया है. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन संशोधन अधिनियम 2021 07-01-2021 से प्रभावी है. जम्मू और कश्मीर यूटी और लद्दाख यूटी को संयुक्त एजीएमयूटी कैडर में मिला दिया गया है. इसके बाद अखिल भारतीय सेवा संयुक्त कैडर नियम 1972, भारतीय वन सेवा कैडर नियम और संयुक्त एजीएमयूटी कैडर के आईएफएस अधिकारियों के स्थानांतरण/पोस्टिंग के दिशानिर्देश जम्मू कश्मीर यूटी खंड से एजीएमयूटी कैडर के लद्दाख यूटी खंड सहित अन्य खंड में आईएफएस अधिकारी के स्थानांतरण, पोस्टिंग और रिलीव करने के लिए लागू हैं. इस तथ्य की जानकारी मंत्रालय द्वारा 05-04-2023 को लिखित रूप में दी गई है.
मोहन आगे बताते हैं कि इसके बाद 07-01-2021 से केवल केंद्र सरकार/पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के पास प्रशासन के हित में AGMUT कैडर में एक खंड/घटक से दूसरे खंड/घटक में IFS अधिकारी को स्थानांतरित करने का पूर्ण अधिकार है. इसलिए यह स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा दिनांक 13-02-2022 के आदेश संख्या 16-JK(FST) 2022 के अनुसार जम्मू से लद्दाख में मेरा ट्रांसफर ऑर्डर पूरी तरह से अवैध, मनमाना और संवैधानिक है और कानून की नजर में गलत है. इसके अलावा दिनांक 13-02-2022 के टीएंडपी ऑर्डर में अगली पोस्टिंग के स्थान के बारे में स्पष्टता नहीं है. हालांकि, मंत्रालय वन विभाग के डीसीएफ लद्दाख के रूप में अधिकारी की पोस्टिंग के बारे में दावा करता है, लेकिन जम्मू कश्मीर के इस टीएंडपी ऑर्डर में किसी भी तरह से वन विभाग में डीसीएफ लद्दाख के रूप में अधिकारियों की पोस्टिंग नहीं की गई है.
IFS ऑफिसर आगे बताते हैं कि मुख्य वन संरक्षक जम्मू द्वारा दिनांक 14-02-2022 को जारी किया गया रिलीविंग ऑर्डर संख्या CCF-J/Estt/G/859-62 स्पष्ट रूप से लागू करने योग्य नहीं है क्योंकि इसे अगले पद पर नियुक्त नहीं किया गया है. इसलिए, न तो मैं और न ही भारतीय नौकरशाही का कोई भी अधिकारी इस रिलीविंग ऑर्डर को लागू करके ज्वाइन कर सकता है, जिसे अगले पद पर नियुक्त नहीं किया गया है. जम्मू-कश्मीर प्रशासन गलतियों को सुधारने के लिए रिलीविंग ऑर्डर में शुद्धिपत्र जारी कर सकता था.
IFS चौधरी ने कहा कि यह रिलीविंग ऑर्डर सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी नहीं किया गया है. MoEF&CC के संयुक्त AGMUT कैडर के IFS अधिकारियों के स्थानांतरण/पोस्टिंग के दिशा-निर्देशों के अनुसार दिनांक:- 04 नवंबर 2019 पैरा 9(v), AGMUT कैडर में लद्दाख UT सहित अन्य सेगमेंट में शामिल होने के लिए जम्मू कश्मीर खंड के अधिकारी को रिलीव करने का सक्षम प्राधिकारी जम्मू कश्मीर प्रशासन है. जम्मू कश्मीर प्रशासन ने आज तक मेरे लिए रिलीविंग ऑर्डर जारी नहीं किया है. इसलिए 13-02-2022 का रिलीविंग ऑर्डर कानून की नज़र में गलत है. लद्दाख प्रशासन (एलजी सचिवालय, जीएडी, आयुक्त सचिव वन, सीसीएफ) ने लिखित रूप से सूचित किया है कि उनके पास दिनांक:- 13-02-2022 के स्थानांतरण आदेश के अनुपालन में रिलीविंग ऑर्डर नहीं है, जो आगे साबित करता है कि अधिकारी शामिल होने में असमर्थ है.
IFS मोहन चौधरी सीसीएफ जम्मू के कार्यालय का ऑफिसर हैं. वह बताते हैं कि अक्टूबर और नवंबर 2023 महीने का वेतन कार्यालय से प्राप्त हुआ है और बाकी धनराशि जारी करने के लिए लंबित महीनों का वेतन बिल तैयार किया गया है. 01-04-2022 से 31-03-2023 की अवधि की उनकी प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट 2022-23 को जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा जेके यूटी का अधिकारी मानते हुए 01-01-2024 को शुरू, संसाधित और पूरा किया गया है. आगे बताते हैं कि 29 मार्च 2023 को MoEF&CC मंत्रालय ने दिनांक 13-02-2023 के पत्र के जवाब में जम्मू कश्मीर प्रशासन द्वारा प्रदान की गई कोडल औपचारिकताओं के आधार पर मोहन चौधरी के पक्ष में जूनियर प्रशासनिक ग्रेड (JAG) जारी किया है, उन्हें जम्मू कश्मीर का अधिकारी माना है.
IFS ऑफिसर चौधरी बताते हैं कि उन्होंने डीएफओ पुंछ के रूप में जम्मू कश्मीर यूटी के वार्षिक बजट से अधिक वाणिज्यिक मूल्य के जंगल की सुरक्षा में अनुकरणीय कार्य किया है. उन्हें सार्वजनिक सेवा में जेके यूटी एलजी पुरस्कार के लिए दो बार नामांकित किया गया है. प्रमुख सचिव रैंक के जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में राष्ट्र के प्रति अपनी सेवा के लिए अधिकारी को पुरस्कार देने की भी सिफारिश की है.
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Tags: UPSC
FIRST PUBLISHED :
September 6, 2024, 15:02 IST