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आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने शनिवार को घोषणा की है कि अब अगर सरकार ने मराठों को आरक्षण नहीं दिया तो 20 जुलाई से वह अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मुंबई पहुंचेंगे।
जरांगे ने मराठों से आंदोलन के अगले चरण के लिए मुंबई में इकट्ठा होने की अपील की है। आंदोलन की घोषणा 20 जुलाई को की जाएगी।
‘विरोध प्रदर्शन जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव से शुरू होगा’
छत्रपति संभाजीनगर में एक रैली में बोलते हुए जरांगे ने कहा कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो 20 जुलाई से मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में फिर से शुरू होगा।
उन्होंने कहा “सरकार के लिए मराठा कोटा लागू करने की एक महीने की समय सीमा आज समाप्त हो गई है। आज, मैं सरकार से कहता हूं कि मराठा समुदाय की नौ मांगों को पूरा किया जाना चाहिए। यह सिर्फ पहले चरण का अंत है। इसके अलावा कई अन्य चरण अभी आने बाकी हैं।
शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण
जरांगे की मांग है कि सभी कुनबियों (कृषकों) और उनके रक्त संबंधियों को मराठा के रूप में मान्यता देने के लिए ओबीसी प्रमाण पत्र दिया जाए। जिसको लेकर वह विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हैं। फरवरी में, महाराष्ट्र विधानमंडल ने चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक पारित किया था।
विधानसभा चुनाव में कीमत चुकाने की दी चेतावनी
मरांगे ने कुछ दिन पहले चेतावनी दी थी कि हमारी मांग का विरोध करने वालों को आगामी विधानसभा चुनावों में इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। बता दें कि शिवसेना-भाजपा-राकांपा सरकार ने हाल ही में मराठा आरक्षण मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, लेकिन विपक्ष ने यह कहते हुए इसका बहिष्कार किया कि इस मुद्दे पर पहले विधानसभा में चर्चा होनी चाहिए।