हिंदी न्यूज़न्यूज़इंडियाKolkata Rape Case: ‘ऐसे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की लिस्ट करें तैयार, ताकि…’, पश्चिम बंगाल में TMC नेता के बयान पर बवाल
Kolkata Rape Case: ‘ऐसे प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की लिस्ट करें तैयार, ताकि…’, पश्चिम बंगाल में TMC नेता के बयान पर बवाल
By : आईएएनएस | Edited By: Gautam Singh | Updated at : 21 Oct 2024 12:14 AM (IST)
कोलकाता रेप मर्डर केस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन (फाइल फोटो)
TMC Leader on Protesting Doctors: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में अपने सहकर्मी के साथ हुए बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता कुणाल घोष ने विवादित बयान दिया है. जिसके बाद राज्य भर के डॉक्टरों के बीच खलबली मच गई है.
दरअसल, कुणाल घोष ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को हर जिले में तैनात जूनियर डॉक्टरों की सूची तैयार करने को कहा था. घोष ने कहा था कि जिलों में राज्य द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों से जुड़े कई जूनियर डॉक्टर अपने निर्धारित ड्यूटी अवधि में शामिल नहीं हो रहे हैं. वे कुछ घंटों के लिए ड्यूटी पर आते हैं और फिर निजी प्रैक्टिस करने के लिए कोलकाता आ जाते हैं. इन डॉक्टरों की सूची तैयार करें, ताकि कानून के अनुसार उनके खिलाफ उचित प्रशासनिक कार्रवाई के लिए इसे राज्य सरकार को भेजा जा सके.
“घोष का बयान जनता का ध्यान हटाने का चाल”
तृणमूल नेता ने यह भी दावा किया था कि ऐसे जूनियर डॉक्टरों की सूची राज्य सरकार को भेजी जाएगी, जो नौकरी के साथ- साथ निजी प्रैक्टिस भी कर रहे हैं, ताकि उनके खिलाफ मौजूदा कानूनी प्रावधानों के अनुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके. बलात्कार और हत्या के मुद्दे पर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले जूनियर डॉक्टरों की संस्था पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) ने घोष की टिप्पणियों को विरोध आंदोलनों से जनता का ध्यान हटाने की एक चाल बताया है.
“अस्पतालों में लगाया जाए बायोमेट्रिक अटेंडेंस मार्किंग सिस्टम”
डब्ल्यूबीजेडीएफ के एक प्रतिनिधि ने कहा, हम पिछले कुछ समय से कोलकाता में सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दे रहे हैं. ऐसी ही एक मांग है कि सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस मार्किंग सिस्टम को तुरंत लागू किया जाए. इससे पता चल जाएगा कि कौन नियमित रूप से ड्यूटी आ हो रहा है और कौन नहीं. फिर प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
“हमारे खिलाफ जनता को भड़काने का किया जा रहा प्रयास”
एक अन्य प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टर ने कहा कि मौजूदा स्थिति में घोष की ऐसी टिप्पणियां प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जनता को भड़काने का एक प्रयास है और वास्तव में यह “धमकी-संस्कृति” का एक और रूप है, जो राज्य के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में लंबे समय से व्याप्त है.
उन्होंने कहा, हमारी न्यायोचित मांगों के समर्थन में चल रहे हमारे आंदोलन से ध्यान हटाने के ऐसे प्रयास कभी सफल नहीं होंगे. एसोसिएशन ऑफ हेल्थ सर्विस डॉक्टर्स के पूर्व महासचिव मानस गुमटा के अनुसार, घोष प्रशासन का हिस्सा न होते हुए भी पूरी तरह से प्रशासनिक मामले में अनावश्यक रूप से टिप्पणी कर रहे हैं. अगर उन्हें लगता है कि हम डर जाएंगे तो वे गलत हैं.
ये भी पढ़ें: कोलकाता डॉक्टर रेप-मर्डर: अब इस मेडिकल कॉलेज के 38 डॉक्टर्स ने ममता सरकार को भेजा इस्तीफा
Published at : 21 Oct 2024 12:14 AM (IST)
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