अमर उजाला नेटवर्क, अलीगढ़ Published by: शाहरुख खान Updated Mon, 03 Jun 2024 11:05 AM IST
ग्रामीणों के अनुसार, दादा वीरपाल अपने नाती यश को अपने साथ तीर्थ यात्रा पर लेकर गए थे। यात्रा शुरू होने से लेकर हादसे तक यश ने अपने दादा की गोदी में बैठकर ही सफर किया था। जीवन के अंतिम सफर तक नाती ने दादा का हाथ नहीं छोड़ा। हादसे के बाद जब शव निकाले जाने लगे तो यश दादा की गोद में ही मृत अवस्था में था। आखिरी विदाई भी परिजनों ने दोनों को एक साथ ही दी। दादा-नाती का एक साथ अंतिम संस्कार किया।