IPS Success Story: केरल सरकार ने एक मामले में आईपीएस अधिकारी एस. सुजीत दास को निलंबित कर दिया है. एलडीएफ विधायक पी.वी. अनवर ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे. अनवर के साथ उनकी टेलीफोनिक बातचीत भी सार्वजनिक हो गई थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया. सुजीत दास वर्ष 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनके यहां तक पहुंचने की कहानी हर उस युवा को प्रेरित करती है जो जीवन में कुछ बड़ा करने की सोचते हैं. आइए जानते हैं कि सुजीत दास कैसे एक सामान्य परिवार से निकलकर आईपीएस बन गए.
किराए के घर में रहते थे सुजीत
आईपीएस अधिकारी सुजीत दास केरल के एक छोटे से गांव मदुक्कनी में पले-बढ़े, जहां उन्होंने एक सरकारी स्कूल से पढ़ाई की. उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनका खुद का मकान भी नहीं था, लिहाजा वे एक किराए के घर में रहते थे. उनकी मां बी. अंबुजम आंगनबाड़ी में पढ़ाने का काम करती थीं, यही उनकी रोजी-रोटी का साधन था. जब सुजीत का चयन आईपीएस के लिए हुआ था, तब उनकी मां आंगनबाड़ी से रिटायर हो चुकी थीं. उस समय उन्होंने कहा था कि सुजीत पढ़ाई में अच्छे थे और उन्हें विश्वास था कि एक न एक दिन उनका बेटा यूपीएससी परीक्षा जरूर पास करेगा.
कलेक्टर की गाड़ी देखकर आया विचार
यूपीएससी में चयन के बाद एक इंटरव्यू में सुजीत दास ने बताया था कि जब वे सरकारी स्कूल में पढ़ते थे, तब अक्सर जिला कलेक्टर की गाड़ी उनके स्कूल के रास्ते डीएम बंगले की ओर जाती थी. यह देखकर अक्सर उनके टीचर उनसे और उनके दोस्तों से कहा करते थे कि अगर वे भी अच्छे से पढ़ाई करेंगे, तो वे भी एक दिन इस पद को पा सकते हैं. टीचर की इन बातों ने सुजीत की जिंदगी बदल दी. सुजीत भी स्कूल के दिनों से ही आईएएस या आईपीएस बनने का सपना देखने लगे.
कैसे पास की यूपीएससी परीक्षा
सुजीत दास ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और उसके बाद सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू कर दी. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके एक क्लासमेट अभिराम शंकर का चयन यूपीएससी में हुआ था, जिससे उन्हें लगा कि उन्हें भी यूपीएससी के लिए प्रयास करना चाहिए. लिहाजा, उन्होंने 2012 में पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2013 और 2014 में भी यूपीएससी की परीक्षा दी। उनका चयन इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज में भी हुआ. बाद में उनका चयन बैंगलुरू जोन में सेंट्रल एक्साइज और कस्टम डिपार्टमेंट में इंस्पेक्टर के लिए हो गया, जहां उन्होंने ज्वॉइन भी कर लिया. यहां कार्य करते हुए उनका चयन आईपीएस के लिए हो गया और इस तरह वे 2015 में केरल कैडर के आईपीएस बन गए. उन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा में 646वीं रैंक हासिल की थी. सुजीत ने कुछ दिनों तक चेन्नई में रहकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी की.
अब क्यों हो गए निलंबित
सुजीत दास वर्तमान में केरल के पत्तनमथिट्टा जिले के एसपी के पद पर तैनात थे, लेकिन गुरुवार को राज्य सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया. दरअसल, यहां के विधायक पी.वी. अनवर ने राज्य के एक शीर्ष पुलिस अधिकारी पर अपराधियों से गठजोड़ होने का आरोप लगाया. अनवर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) एम.आर. अजित कुमार के खिलाफ सोने की तस्करी, अवैध फोन टैपिंग और हत्या में शामिल होने जैसे गंभीर आरोप लगाए. इस दौरान उन्होंने एसपी सुजीत दास के साथ हुई अपनी बातचीत की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक कर दी, जिसमें वे किसी का जिक्र करते हुए उसे एडीजीपी का ‘गॉडफादर’ कह रहे हैं. इस क्लिप के आने के बाद राजनीतिक गलियारे में तूफान मच गया, जिसके बाद आनन-फानन में शासन ने सुजीत दास को निलंबित कर दिया.
Tags: IPS Officer, IPS officers, Success Story, UPSC, Upsc exam, UPSC results, Upsc topper
FIRST PUBLISHED :
September 6, 2024, 15:07 IST