न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: शिखा पांडेय Updated Mon, 14 Oct 2024 12:42 PM IST
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उसके मुताबिक परेशान होने पर समर्थ उसका दुख बांटने में मदद करता था, लेकिन उसे भी काम के चलते दूर होना पड़ा। उसे भी कितनी बार बुलाऊं, वह बहुत दूर रहता है। ये दूरी मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। लिखा कि मेरा दोस्त आदिल मुझे समझता है, उसे भी कितनी बार अपनी टेंशन बताऊं।
सुसाइड नोट लिखते समय पक्का नहीं था इरादा
प्रगति ने लिखा – बनना तो बहुत कुछ था पर अब कुछ है ही नहीं…इतने सालों में कितनी बार ये सब सोचा, पर कभी कठोर कदम नहीं उठा सकी। मुझे लगता है कि ऐसा न हो कि ये सब लिखकर कल मैं इसे फाड़कर फेंक दूं और फिर से सोंचू कि जिंदगी में आगे क्या करना है।
एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय ने बताया कि परिवार उरई चला गया है। परिजनों की ओर से कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलेगी तो माेबाइल की कॉल डिटेल्स और चैट का पता लगाया जाएगा। फिलहाल मोबाइल और सुसाइड नोट पुलिस के पास है।