होमराज्यउत्तर प्रदेश और उत्तराखंडHathras Stampede पर एक्शन में पुलिस, 24 लोग हिरासत में, पांच प्वाइंट्स में जानें- अब तक क्या-क्या हुआ?
Hathras Stampede: हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे में 121 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से 19 शवों की अब तक पहचान नहीं हो पाई है. वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 24 को हिरासत में लिया है.
By : एबीपी यूपी डेस्क | Updated at : 04 Jul 2024 12:12 PM (IST)
हाथरस में 121 लोगों की मौत
Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में भगदड़ मामले में पुलिस एक्शन मोड में आ गई है. पुलिस ने अब तक इस मामले में कार्रवाई करते हुए 24 लोगों को हिरासत में लिया है. जिनसे पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही अन्य आरोपी सेवादारों की गिरफ्तार के लिए धरपकड़ की जा रही है. इस मामले की जांच के लिए पुलिस की पांच टीमों का गठन किया गया है. इसके साथ ही 100 से ज्यादा लोगों के सीडीआर को खंगाला जा रहा है.
हाथरस हादसे में पुलिस ने कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश मधुर को मुख्य आोरपी बनाया है. हालांकि वो अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. पुलिस की टीमें नौ जिलों में आरोपियों की तलाश में छापेमारी कर रही है. वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. इसके लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज बृजेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता ने तीन सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
सीएम योगी ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
इससे पहले बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ भी हाथरस पहुंचे थे और उन्होंने घटना स्थल का दौरा किया. जिसके बाद सीएम योगी घायलों से मुलाकात करने अस्पताल पहुंचे और उनसे बात की. सीएम योगी ने इस दौरान पीड़ित परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदना जाहिर की. मुख्यमंत्री ने हादसे के पीछे साजिश का आशंका जताई और कहा कि जब ये हादसा हुआ तो सेवादार व्यवस्था संभालने की बजाय वहां से भाग गए.
अब तक 19 शवों की पहचान नहीं
वहीं दूसरी तरफ इस हादसे में अब तक 121 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 35 लोग घायल है. इनमें से ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. अब तक 121 में 102 लोगों के शवों की पहचान कर ली गई है जबकि 19 शवों की पहचान नहीं हो पाई है. इनमें से 38 शव अलीगढ़, हाथरस में 34, आगरा में 21 और एटा में 28 शव लाए गए हैं. पुलिस ने शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया है.
दरअसल मंगलवार को हाथरस के फुलहरि गांव में भोले बाबा का सत्संग था, जिसमें आसपास के कई जिलों से भारी संख्या में भीड़ उमड़ी थी. इस सत्संग में दो लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे. सत्संग खत्म होने के बाद लोग बाबा के चरणों की धूल लेने के लिए दौड़े, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई. इस घटना के बाद कोहराम मच गया.
जांच रिपोर्ट में सामने आई बड़ी बात
एसडीएम की जांच रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई है कि सत्संग के लिए प्रशासन से 80 हजार लोगों के आने की अनुमति ली गई थी. लेकिन यहां 2.5 लाख लोग पहुंच गए थे. बाबा जब सत्संग से निकले तो उनके पीछे भीड़ दौड़ने लगी. खेत पर ढलान होने की वजह से कई लोग गिर गए और फिर वे उठ नहीं पाए. गर्मी और उमस की वजह से कई लोगों को दम घुट गया.
वहीं हादसे के बाद से भोले बाबा भी अंडरग्राउंड हो गया है. हैरानी की बात है कि पुलिस की एफआईआर में बाबा का नाम भी नहीं है. पुलिस बाबा की तलाश में दो बार मैनपुरी स्थित उनके आश्रम पहुंची. पुलिस का दावा है कि बाबा आश्रम में मौजूद नहीं है लेकिन, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सेवादारों से बात करने से पता लगा है कि हादसे के बाद बाबा यहाँ पहुंचा था और उसके बाद बाहर नहीं गया है. ऐसे में पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल खड़े हो रहा है कि क्या पुलिस बाबा को बचाने की कोशिश कर रही हैं.
Published at : 04 Jul 2024 12:12 PM (IST)
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