कार्डियक अरेस्ट के मरीजों का प्राथमिक उपचार कर जीवन बचाने की ट्रेनिंग गजराराजा मेडिकल कॉलेज के सीआरटी (कम्प्रेहेंसिव रिससिटेशन ट्रेनिंग) सेंटर में दी जाएगी। प्रदेश के पहले सेंटर का शुभारंभ बुधवार को कॉलेज के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने किया। इस दौरान डॉ.
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नेशनल मेडिकल काउंसिल के नियमों के अनुसार इस सर्टिफिकेट के बिना डॉक्टर्स का प्रमोशन नहीं हो सकेगा। यह सर्टिफिकेट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मान्य होगा। डीन धाकड़ ने कहा कि इस केंद्र का लाभ चिकित्सकीय कार्य में लगे व्यक्ति के साथ-साथ आमजन को भी होगा। जीआरएमसी के प्रवक्ता डॉ. प्रवेश भदौरिया ने सीआरटी सेंटर के बारे में बताते हुए कहा कि यह एक स्वतंत्र कार्यशील ईकाई है, जो इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन के नियमों एवं नीतियों के तहत कार्य करती है। केंद्र के प्रशासनिक प्रमुख के रुप में एक कोर्डिनेटर होता है जो इंडियन रिससिटेशन काउंसिल फेडरेशन के दिशा-निर्देशों का पालन करता है तथा सीआरटी केंद्र के अंतर्गत संचालित सभी गतिविधियों का प्रभारी होता है। ग्वालियर केंद्र के लिए को-ऑर्डिनेटर सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक की निश्चेतना की विभागाध्यक्ष डॉ.नीलिमा टंडन रहेंगी।
एनएमसी ने किया अनिवार्य
एनएमसी द्वारा स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के लिए बेसिक कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट एवं एडवांस कार्डियो पल्मोनरी लाइफ सपोर्ट कोर्स को अनिवार्य किया है। इसका एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्य होगा। इस अवसर पर जेएएच के अधीक्षक डॉ.सुधीर सक्सेना, विभागाध्यक्ष इमरजेंसी मेडिसिन विभाग डॉ.जीतेंद्र अग्रवाल, विभागाध्यक्ष स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग डॉ.यशोधरा गौर, वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.वृंदा जोशी, डॉ.अर्चना मौर्य आदि उपस्थित थे।