
जांच में जुटी पुलिस – फोटो : अमर उजाला डिजिटल
विस्तार
फ्रांस के दक्षिण शहर ला ग्रांडे-मॉटे में शनिवार सुबह एक बड़ी घटना घटी। यहां एक सिनेगॉग पर आगजनी का प्रयास किया गया, जिससे एक पुलिस अधिकारी घायल हो गया। यह हमला तब हुआ जब स्थानीय यहूदी समुदाय के लोग धार्मिक उत्सव सब्बाथ के लिए सिनेगॉग में इकट्ठा हुए थे। सीएनएन ने अपनी रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
पुलिस के मुताबिक, सिनेगॉग पर हमले की जानकारी मिलते ही अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। सिनेगॉग का अंदर से दरवाजा बंद था, जिसे तोड़कर पुलिस ने घायल अधिकारी को बाहर निकाला और उसे मेडिकल सहायता प्रदान की। घटना की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए आतंकवाद निरोधक अधिकारियों की एक टीम गठित की गई।
प्रधानमंत्री अट्टाल ने घटना पर क्या कहा
फ्रांस के प्रधानमंत्री गेब्रियल अट्टाल ने इस हमले की निंदा की और इसे ‘एंटी सेमिटिक’ (यहूदी विरोधी भावना से प्रेरित) हमला बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला यहूदी समुदाय को निशाना बनाने के लिए किया गया। अट्टाल ने यह भी बताया कि जांच की जिम्मेदारी राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक अभियोजक कार्यालय को सौंप दी गई है।प्रधानमंत्री अट्टाल ने कहा कि वे और गेराल्ड डारमेनिन (फ्रांस के गृह मंत्री) आज दोपहर घटनास्थल पर जाएंगे और यहूदियों के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे। उन्होंने कहा कि यह हमला यहूद समुदाय के खिलाफ एक घिनौनी कोशिश है और इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, गेराल्ड डारमेनिन ने कहा कि आगजनी का प्रयास एक हमला था। उन्होंने यहूदी नागरिकों और नगरपालिकाओं को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया। डारमेनिन ने कहा कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निर्देश पर सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि हमलावर को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके।
सात अक्तूबर के बाद यहूदियों के खिलाफ बढ़ी हिंसा
फ्रांस में यहूदी समुदाय हाल के दिनों में मुश्किल दौर का सामना कर रहा है। सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला किया था और इस के बाद गाजा में युद्ध छिड़ गया था। इसके चलते फ्रांस में भी यहूदी समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ी हैं।