पीएम नरेंद्र मोदी और लालू प्रसाद यादव। – फोटो : अमर उजाला
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लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए पिछली बार बिहार आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछड़ों के आरक्षण को मुसलमानों को सौंपे जाने की कांग्रेस और इंडी एलायंस की योजना बताई थी। इस बार उन्होंने तुष्टिकरण के अपने आरोपों को ताकत देने के लिए गुजरात के गोधरा कांड की याद दिलाई। उन्होंने याद दिलाया कि “लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री थे, तब गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर 60 लोगों को जिंदा जलाने की रिपोर्ट सोनिया गांधी के हिसाब से बनवाई। उन्होंने ऐसी कमेटी बनाई गई कि जिंदा जलाने वाले आराम से छूट जाएं। पूरी दुनिया को पता है कि कार सेवकों को जिंदा जलाया गया, लेकिन फर्जी रिपोर्ट से उन आरोपियों को बचाने की साजिश रची गई।” आइए जानते हैं पीएम मोदी ने गोधरा कांड का जिक्र करते हुए क्या कहा? अमर उजाला आपको जस के तस पढ़ा रहा…
अब जानिए पीएम मोदी ने क्या कहा?
पीएम मोदी ने कहा कि राजद का इतिहास सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर तुष्टिकरण करने का रहा है। जब गोधरा में कार सेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेल मंत्री ये शहजाजे के बेटे थे, जो सजा काट रहे हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। उन्होंने गोधरा कांड के दोषियों को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के एक जज एक कमेटी बनाई। बेनराजी कमेटी।सोनिया मैडम का राज था। इसलिए उन्होंने बेनराजी कमेटी बनाई। उस जज का नाम बनर्जी था तो लोग बेनराजी बोलते थे। उससे ऐसा रिपोर्ट लिखवाया कि 60 लोगों को जिंदा जलाने वाले निर्दोष से छूट जाएं। लेकिन, ये रेलमंत्री जो जेल में जिंदगी गुजारने पर मजबूर हैं और जमानत पर घूम रहे हैं। अदालत ने उनकी इस रिपोर्ट को अदालत ने कूड़े-कचरे में फेंक दिया। कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई। फांसी तक की सजा हो गई। पूरी दुनिया को पता था कि कार सेवकों को जिंदा जलाया गया था। फर्जी जांच रिपोर्ट बनवाकर कार सेवकों पर ही दोष मढ़ने की साजिश रची गई। यही इनका इतिहास है। यही इनकी सच्चाई है। साथियों हमें बिहार को लालटेन के दौर में वापस नहीं जाने देना है।
किस रिपोर्ट की चर्चा कर पीएम ने लालू को घेरा?
दरअसल, साबरमती एक्सप्रेस के एक कोच में 27 फरवरी 2002 को आग लगा दी गई थी। इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री नीतीश कुमार थे। उस वक्त गोधरा कांड की जांच रेल मंत्री की ओर से नहीं करवाई गई। कांग्रेस की जब सरकार बनी तो लालू प्रसाद यादव रेल मंत्री बने। सिंतबर 2004 में लालू प्रसाद ने रेलवे अधिनियमों का उपयोग करते हुए एक नई कमेटी का गठन किया। इसका नाम दिया यूसी बनर्जी कमेटी। 17 जनवरी 2005 को कमेटी ने रिपोर्ट सौंप दिया। इसमें कहा गया था कि आग दुर्घटनावश लगी थी। किसी के द्वारा आग लगाने के प्रमाण नहीं मिले। रिपोर्ट में यह कहा गया था कि साबरमती एक्सप्रेस के कोच में साधु बैठे थे, वह धूम्रपान कर रहे थे, गलती से आग लग गई। इसके बाद इस रिपोर्ट पर काफी सवाल भी उठते रहे हैं। हालांकि इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।