जलवायु परिवर्तन – फोटो : अमर उजाला
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अजरबैजान के बाकू में चल रहे जलवायु सम्मेलन कॉप29 में भारत ने अमीर देशों से अपील की है कि वे विकासशील देशों को जलवायु वित्तपोषण देने के अपने वादे को पूरा करें। भारत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक आपदाएं बहुत ज्यादा आ रही हैं, जिससे लोगों के जीवन को खतरा बढ़ गया है, खासकर गरीब देशों के लोग इससे ज्यादा प्रभावित हैं।
लोगों की आजीविका और जीवन पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव
बाकू में एक उच्च स्तरीय मंत्रीस्तरीय बैठक के दौरान भारत ने कहा कि विकासशील देश जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं, जबकि जलवायु परिवर्तन विकसित देशों द्वारा किए गए कार्बन उत्सर्जन का नतीजा हैं। जलवायु सम्मेलन में भारत की प्रतिनिधि राजश्री रे ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं के बढ़े चक्र की वजह से विकासशील देशों में लोगों के जीवन और आजीविका पर प्रतिकूल असर पड़ा है, जिससे उनका अस्तित्व ही खतरे में पड़ गया है। रे ने कहा कि पिछले साल संयुक्त अरब अमीरात में हुए वैश्विक जलवायु सम्मेलन में विकसित देशों से वित्तपोषण देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। 2025 के बाद एक महत्वाकांक्षी वित्तीय ढांचे का आह्वान करते हुए, भारत ने कहा कि विकासशील देशों के लिए नए जलवायु वित्त पैकेज में पर्याप्त अनुदान और रियायती वित्त शामिल होना चाहिए।
गौरतलब है कि विकसित देश अमीर विकासशील देशों से भी जलवायु वित्त देने की मांग कर रहे हैं। वहीं विकासशील देशों का कहना है कि जब तक जलवायु वित्तपोषण पर कोई फैसला नहीं होता है, तब तक किसी अन्य मुद्दे पर बात आगे नहीं बढ़ेगी। यही वजह है कि बाकू में आयोजित कॉप29 में किसी अहम मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है।