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चीफ जस्टिस संजीव खन्ना क्यों नहीं सुनेंगे चुनाव आयोग से जुड़ा केस! खुद को सुनवाई से कर लिया अलग
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना क्यों नहीं सुनेंगे चुनाव आयोग से जुड़ा केस! खुद को सुनवाई से कर लिया अलग
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए गठित समिति से सीजेआई को बाहर रखे जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. मंगलवार को शुरुआत में जस्टिस संजय कुमार के साथ पीठ पर बैठे सीजेआई संजीव खन्ना ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वकीलों से कहा कि वह अभी याचिकाओं पर सुनवाई नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि अब शीतकालीन छुट्टियों के बाद मामले को किसी अन्य पीठ के सामने सुनवाई के लिए लिस्ट किया जाएगा.
सीनियर वकील गोपाल शंकरनारायणन और वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पिछली पीठ ने इस मामले में अंतरिम आदेश जारी किए थे. सीजेआई ने केंद्र और अन्य से इस बीच जनहित याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने को कहा. उनके पहले सीजेआई रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाया था कि सीजेआई, प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) के साथ सीईसी और चुनाव आयुक्तों के चयन के लिए गठित समिति में शामिल होंगे.
हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने संसद का रास्ता अपनाते हुए चयन के बनाए गए पैनल में प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के अलावा प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक मंत्री को भी शामिल करने का फॉर्मूला अपनाया. इसलिए इस नए कानून के खिलाफ याचिकाएं दायर की गईं. जिसमें चयन के पैनल से सीजेआई को बाहर रखा गया. एक प्रमुख तर्क यह है कि नए चयन पैनल में सरकार के पक्ष में 2:1 का अनुपात है, जिससे यह असंतुलित हो गया है.
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एक गैर सरकारी संगठन सहित कई लोगों ने इस नए कानून की वैधता को चुनौती दी है. उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त अधिनियम, 2023 की धारा 7 के संचालन पर रोक लगाने की मांग की है. जो सीईसी और ईसी को चुनने वाले पैनल से सीजेआई को बाहर रखता है.
Tags: Election commission, Election Commission of India, Supreme Court, Supreme court of india
FIRST PUBLISHED :
December 3, 2024, 19:07 IST