वाराणसी की कोतवाली पुलिस ने दो टप्पेबाजों को लूट के सामान के साथ गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है। दोनों में से एक पैडल रिक्शा चलता है और दूसरा उसका दोस्त CID ऑफिसर बनकर बुजुर्ग सवारियों को लूटकर भाग जाता है। 23 सितंबर को दोनों ने कोतवाली थानाक
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पुलिस को जब यह पता चला कि पैडल रिक्शा चलाने वाले ऐसी घटना को अंजाम दे रहे हैं तो एकबारगी पुलिस अधिकारी भी चौंक गए। फिलहाल पुलिस ने दोनों को संबंधित धाराओं में जेल भेज दिया है।
बुजुर्ग महिला ने दर्ज कराई थी एफआईआर इस संबंध में कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया- 23 सितंबर को दशाश्वमेध थाना क्षेत्र के कोदई चौकी निवासी इलमुन्निसा ने तहरीर दी थी कि- वह मैदागिन से बेनियाबाग पैडल रिक्शा से जा रहीं थीं। इसी बीच नक्खास चौराहे पर एक अन्य व्यक्ति उस रिक्शा पर बैठ गया। उसने कहा आगे पुलिस की चैकिंग हो रही है। मै CID से हूं। मुझे अपना पूरा सामान चेक कराइये। इसके बाद वह मेरे कान के टप्स और मेरे पास मौजूद नकद 5 हजार और मोबाइल लेकर भाग गया। मैंने हाला मचाया तो रिक्शा वाला भी रिक्शा छोड़कर फरार हो गया। इसपर हमने बीएनएस की धारा 319 (2) में मुकदमा दर्ज किया था।
कोतवाली पुलिस ने पकड़े दोनों अभियुक्त।
100 सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद हुए गिरफ्तार थाना प्रभारी ने बताया- महिला की तहरीर पर पुलिस की टीमों ने मैदागिन से लेकर बेनियाबाग और चौक थाने तक कई सीसीटीवी फुटेज चेक किया और संदिग्धों को चिह्नित किया। पुलिस ऐसे टप्पेबाजों की तलाश कर रही थी। उसी दौरान सूचना मिली कि टप्पेबाजी की घटना को अंजाम देने वाले संदिग्ध गौशाला के पास स्थित सार्वजनिक शौचालय पर मौजूद हैं। इसपर तुरंत मौके पर पहुंचकर दो सदिग्धों को वहां से गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए अभियुक्तों ने अपना नाम डोमन निवासी सलारपुर थाना सारनाथ और बिल्लू निवासी ग्राम जाल्हूपुर थाना चौबेपुर बताया।
उनके पास से कोतवाली क्षेत्र से बुजुर्ग महिला के चोरी किये गये रुपये में से 3845 /- रुपये नगद व टप्पेबाजों द्वारा इससे कुछ दिन पूर्व नई सड़क पान दरीबा चौकी के बगल चेतगंज से एक बुजुर्ग महिला के कान के टप्स उतरवा कर रख लिये थे; उसे भी बरामद किया गया।
बुजुर्ग सवारियों को बनाते थे शिकार, डोमन चलाता था रिक्शा थाना प्रभारी ने बताया दोनों ने इस तरह की कई वारदात शहर में की है। पूछताछ में बिल्लू ने बताया -डोमन पैडल वाला रिक्शा चलाता है और मैं सीआईडी इंस्पेक्टर बनने का काम करता हूं। हम दोनों लोग बुजुर्ग महिला / पुरुष सवारियों को अपना निशाना बनाते थे। क्योंकि वे लोग आसानी से डर जाते थे। पहले डोमन उनको अपने रिक्शे पर बैठा लेता था और कुछ दूर चलते ही बताता था कि आगे सीआईडी की चेकिंग चल रही है अपना सारा सामान एक जगह कर लीजिये जिससे चेकिंग में परेशानी न हो।
उसी समय मैं पहुंच जाता था और सवारी को धमकाकर कि मैं सीआईडी इंस्पेकटर हूं। आपका सारा सामान चेक करना है जिस पर व्यक्ति व महिला द्वारा मुझे अपना सामान दे दिया जाता था और मैं चेक करने के बहाने उनका सामान लेकर भाग जाता था और मेरा रिक्शा चलाने वाला साथी भी वहां से भाग जाता था और फिर हम दोनो लोग लिये गये रुपये व सामान को आधा आधा आपस में बांट लेते थे ।