Friday, January 10, 2025
Friday, January 10, 2025
Home China China: नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण बनाने की कोशिश कर रहा अमेरिका, चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारी का बड़ा बयान

China: नाटो का एशिया-प्रशांत संस्करण बनाने की कोशिश कर रहा अमेरिका, चीन के शीर्ष रक्षा अधिकारी का बड़ा बयान

by
0 comment
china defence official claim US trying to build Asia-Pacific version of NATO

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन – फोटो : पीटीआई

विस्तार

Follow Us

चीन के एक शीर्ष रक्षा अधिकारी ने दावा किया है कि अमेरिका, नाटो का एशिया प्रशांत संस्करण बनाने की कोशिश कर रहा है। हालांकि उसकी यह स्वार्थी कोशिश सफल नहीं होगी। चीन की सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के जॉइंट स्टाफ विभाग के डिप्टी चीफ लेफ्टिनेंट जनरल जिंग जियानफेंग ने यह बड़ा दावा किया है। लेफ्टिनेंट जियानफेंग का यह दावा अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के शंगरी ला डायलॉग में दिए गए भाषण के जवाब में सामने आया है। 

‘अमेरिका के लिए गोलियां खाएंगे अन्य देश’
शंगरी ला डायलॉग में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में साझेदारी बढ़ाने और सहयोग मजबूत करने की बात कही थी। शंगरी ला डायलॉग एशिया का प्रमुख रक्षा सम्मेलन है। ऑस्टिन के भाषण के जवाब में लेफ्टिनेंट जनरल जिंग ने चेताया कि ‘अगर क्षेत्रीय देश अमेरिका की हिंद प्रशांत रणनीति पर हस्ताक्षर करते हैं तो वे अमेरिका के युद्ध रथ का हिस्सा बनने के लिए मजबूर होंगे और उन्हें अमेरिका के लिए गोलियां खानी होंगी।’ उन्होंने कहा कि ‘ऑस्टिन की टिप्पणी सुनने में अच्छी लगती है, लेकिन यह सही नहीं है और इसे सिर्फ अमेरिका के भू-राजनैतिक हितों को साधने के लिए बनाया गया है और ये असफल होने के लिए अभिशप्त है।’

‘अमेरिका के आधिपत्य को कायम रखना उद्देश्य’
चीनी सैन्य अधिकारी ने कहा कि इस पूरी नीति का उद्देश्य अमेरिका के आधिपत्य को कायम रखना है। नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है। जिसमें 32 देश सदस्य हैं। इनमें से 30 देश यूरोपीय और दो देश उत्तरी अमेरिकी हैं। नाटो के किसी भी सदस्य देश पर हमले को पूरे गठबंधन पर हमला माना जाता है और सभी सदस्य देश मिलकर उस हमले का जवाब देते हैं। लेफ्टिनेंट जनरल जिंग ने कहा कि अमेरिका की एशिया प्रशांत रणनीति बंटवारे और संघर्ष को बढ़ावा दे रही है। उल्लेखनीय है कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में हिंद महासागर, पश्चिमी और मध्य प्रशांत महासागर और दक्षिण चीन सागर भी शामिल है।

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.