बुधवार को CDRI और KGMU के बीच इन-हाउस वायरल किट विकसित करने के लिए MOU साइन किया गया।
केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (CDRI) और KGMU मिलकर मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारियों की पहचान के लिए किट विकिसत करेंगे। इसमें डेंगू के अलावा चिकनगुनिया, जीका वायरस की जांच किट शामिल है। बुधवार को दोनों संस्थानों के बीच किट विकसित करने के लेकर
.
वन वीक वन थीम के तहत आयोजन
बुधवार को CDRI में वन वीक वन थीम के तहत किफायती स्वास्थ्य देखभाल के लिए भारत की अनुसंधान एवं विकास प्राथमिकताएं विषय पर दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सेन शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है। बीमारियों के इलाज, रोकथाम पर काम हो रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ करने प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा पहुंचे।
इन-हाउस प्रोब डेवलप करने पर जोर
CDRI की निदेशक डॉ.राधा रंगराजन ने भारत के स्वास्थ्य देखभाल लक्ष्यों के साथ अनुसंधान और विकास के लिए सहयोगी मंच के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि CDRI और KGMU के बीच आर्बोवायरल (डेंगु, चिकनगुनिया, जीका वायरस) संक्रमणों के लिए इन-हाउस टैकमैन जैसी प्रोब आधारित RT-PCR डिटेक्शन किट विकसित की जाएगी। इससे जुड़े प्रोजेक्ट के लिए दोनों संस्थाओं के बीच करार हुआ।
MOU साइनिंग के दौरान KGMU की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद भी रही मौजूद।
परियोजना प्रमुख डॉ.अतुल गोयल, डॉ.आशीष अरोड़ा, डॉ.नीति कुमार के साथ मिलकर CDRI से प्रोब का विकास करेंगे। जबकि KGMU की डीन व माइक्रोबायोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. अमिता जैन और उनकी टीम रोगी नमूनों पर किट का परीक्षण और सत्यापन करेंगी।