कनाडा में हिंदुओं पर हमला करते खालिस्तानी (प्रतीकात्मक तस्वीर) – फोटो : एक्स/वीडियो ग्रैब इमेज
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कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की भारतीय अमेरिकियों ने निंदा की है। उन्होंने हमला करने वालों को गिरफ्तार करने और मुकदमा चलाने की मांग की। भारतवंशी अमेरिकी डॉ. भरत बरई ने कहा कि कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा करता हूं। खालिस्तानियों ने खुलेआम पूजा स्थल और श्रद्धालुओं पर हमला किया।
डॉ. बरई ने कहा कि कनाडा के अधिकारियों को इस बारे में जानकारी थी और उनको इसे रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी। अब कनाडा सरकार को हमलावरों को गिरफ्तार करके उन पर मुकदमा चलाना चाहिए। वहीं डॉ. अदापा प्रसाद ने भी मंदिर पर हुए हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इसके दोषी हैं। वह वोट बैंक की राजनीति के लिए भारत और भारतीय कनाडाई लोगों के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाली बात है कि एक पुलिसकर्मी अलगाववादी खालिस्तानी झंडा पकड़े हुए था। जबकि अन्य पुलिसकर्मी हमलावरों के साथ मंदिर जाने वालों पर लाठियों से हमला कर रहे थे। इससे लगता है कि कनाडाई प्रशासन कनाडा में भारतीयों के विरुद्ध आतंकवादियों और गुंडों का समर्थन कर रहा है तथा भारत कनाडा के राष्ट्रीय हितों को गिरवी रख रहा है।
सिख समुदाय के नेता जसदीप सिंह जस्सी ने कहा कि हमले में शामिल लोग सिख नहीं हैं। कनाडा सरकार को इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ये लोग सिख नहीं हैं। सिख ऐसा कभी नहीं कर सकते। सिख हमेशा हिंदुओं और मंदिरों की रक्षा के लिए खड़े रहते हैं।
उत्तरी अमेरिका के हिंदुओं के संगठन कोहना ने भी हमले की निंदा की। कोहना ने आरोप लगाया कि दिवाली के बाद जब हिंदू अज्ञानता पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मना रहे हैं, हमने एक हिंदू मंदिर पर हिंसक हमले देखे। अगर कोई भी हिंदू जो इस पर सवाल उठाने या इसका विरोध करने की हिम्मत करता है, उसे तुरंत भारतीय एजेंट करार दिया जाता है।