हिंदी न्यूज़राज्यबिहारBPSC के मुद्दे पर बोले प्रशांत किशोर, ‘मुख्यमंत्री सीन से गायब, सरकार बात करे, विषयों की जांच करे’
Prashant Kishor Exclusive: प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी भी हालत में बच्चों पर एफआईआर न हो. बच्चों को लाठी से पीटा न जाए. उनको डराया न जाए. प्रताड़ित न किया जाए.
By : एबीपी बिहार डेस्क | Edited By: Ajeet Kumar | Updated at : 31 Dec 2024 01:11 PM (IST)
प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)
Prashant Kishor News: जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मंगलवार (31 दिसंबर) को एबीपी न्यूज़ से एक्सक्लूसिव बातचीत में बीपीएससी के मुद्दे पर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री सीन से गायब हैं. चार लाख से ज्यादा छात्र पिछले 15 दिनों से धरना पर बैठे हैं. शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों की कुछ मांग है, कुछ शिकायतें हैं.
प्रशांत किशोर ने कहा, “शुरुआती दिनों में करीब आठ या नौ दिनों में कोई भी राजनीतिक दल उस आंदोलन से नहीं जुड़ा. आज से करीब पांच दिन पहले छात्रों के प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने लाठी चलाई, बर्बरता से मारा तब हम जैसे लोग खड़े हुए. इस मांग के साथ खड़े नहीं हुए हैं कि छात्रों की क्या मांग है और सरकार का क्या रवैया है. बिहार लोकतंत्र की जननी रही है. किसी भी सभ्य समाज में इस बात की इजाजत नहीं दी जा सकती है कि पूरी सरकार लाठीतंत्र में बदल जाए. बच्चों की बात सुने बगैर उनको सड़कों पर दौड़ा-दौड़ाकर मारा जाए.”
प्रशांत किशोर ने कहा कि हम लोग इसलिए बच्चे के साथ खड़े हैं कि सरकार उनसे बात करे. उनके विषयों की जांच करे. जो अच्छा न लगे उसे खारिज कर दे, लेकिन किसी भी हालत में बच्चों पर एफआईआर न हो. बच्चों को लाठी से पीटा न जाए. उनको डराया न जाए. प्रताड़ित न किया जाए.
‘मैं छह घंटे वहां खड़ा रहा…’
सवालों और आरोपों के जवाब में एबीपी न्यूज़ से प्रशांत किशोर ने कहा कि किसी भी आंदोलन में अगर 10 लोग प्रभावित हैं तो सारे 10 के 10 किसी प्रदर्शन में या धरना में नहीं आएंगे. कुछ उसका प्रतिनिधित्व ही हो सकता है, लेकिन जितनी बड़ी संख्या में छात्र इस आंदोलन से जुड़े हुए हैं कम से कम 15 हजार अभ्यर्थी इकट्ठा हुए थे. छह घंटे तक गांधी मैदान में छात्र संसद चली. उन लोगों ने अपने नेताओं का चुनाव किया जो लोग इस आंदोलन में सरकार से बात करेंगे और आगे लीड करेंगे. मेरी भूमिका रही है कि मैं छह घंटे वहां खड़ा रहा था. इस आश्वासन को लेकर कि जब छात्र ये कर रहे हैं तो कोई असमाजिक तत्व उसमें व्यवधान न डाले. सरकार की ओर से कोई लाठीचार्ज न हो, कोई परेशान न करे.
पीके बोले- ये कहां का लोकतंत्र?
बातचीत के क्रम में पीके ने आगे कहा, “छात्रों ने लीडर को चुन लिया तो उसमें ये भी तय किया गया कि कोई कोचिंग संचालक नहीं रहेगा. सरकार का आरोप है कि कुछ कोचिंग वाले इसको हवा दे रहे हैं. ऐसे में हम लोगों ने तय किया कि इसके नेतृत्व में कोई भी कोचिंग चलाने वाला नहीं रहेगा. कोई पॉलिटिकल लीडर नेतृत्व में नहीं रहेगा. जो अभ्यर्थी हैं उन्हें ही कमेटी में रखा गया है. हम लोग उनके समर्थन में खड़े हैं. सरकार की ओर से कल (सोमवार) सारे दबाव के बाद बात की गई है. जो बात कल हुई ये 10 दिन पहले भी हो सकती थी. अभी तक मुख्यमंत्री ने उन बच्चों से मिलना भी स्वीकार नहीं किया है. इतना बड़ा हंगामा हो रहा है और उस व्यक्ति के पास मिलने तक का समय नहीं है. ये कहां का लोकतंत्र है?”
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Published at : 31 Dec 2024 12:54 PM (IST)
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