बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में घुसकर मारपीट करने और पिस्टल लहराकर धमकाने के मामले में एक छात्र को कोर्ट से राहत मिल गई। जिला जज संजीव पांडेय की अदालत ने आरोपी छात्र प्रशांत गिरी को 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें और बंधपत्र देने पर रिहा करने का आदेश दिया। इस
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ट्रामा सेंटर के बाहर किया था विरोध
आरोप था कि, 30 सितंबर 2024 को शाम करीब 5 बजे ट्रामा सेंटर के इमरजेंसी के गेट के बाहर करीब 18- 20 की संख्या में कुछ लड़के पहुंचे और इमरजेंसी के अंदर घुसने का प्रयास करने लगे। इस पर गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड ने तत्काल गेट बंद कर दिया और उन्हें अंदर आने से रोक दिया। इस दौरान बाहर जमा लड़के आपस में ही विवाद करने लगे।
सिर गेट से पुलिस ने किया था गिरफ्तार
जिसमें एक लड़का प्रशांत गिरी अवैध पिस्टल निकालकर लहराने लगा और अपने विरोधी लड़कों को धमकाने लगा। इस पर जब हम लोगों ने उसे पकड़ने का प्रयास किया तो वह पिस्टल लहराते हुए वहां से भाग निकला। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की। दौरान विवेचना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर आरोपित छात्र नेता प्रशांत गिरी को बीएचयू सिर गेट के समीप से गिरफ्तार कर उसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त प्रतिबंधित बोर की पिस्टल बरामद कर उसे जेल भेज दिया था।
इन छात्रों को किया गया था गिरफ्तार
पुलिस ने इनके पास से 7.65 एमएम की प्रतिबंधित कंट्री मेड पिस्टल, एक जिंदा कारतूस भी बरामद किया गया था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान थाना जंसा के पटेरवां के प्रशांत गिरी, सीर गोवर्द्धन के अखिलेश यादव, सिवान, बिहार के विशाल शाह और चंदौली के प्रिंस उपाध्याय के रूप में हुई थी। इस 2 बीएचयू के छात्र भी हैं।
बीएचयू में साथी को छुड़वाने को लेकर हुआ था विरोध प्रदर्शन
इस मामले में पुलिस ने बीएचयू छात्रावास के दो छात्रों को थाने बुलाकर कर बैठा लिया था। जिसको लेकर वीसी आवास के बाहर छात्रों ने करीब 2 घंटे तक धरना प्रदर्शन किया था। डिप्टी चीफ प्राक्टर के आश्वासन पर छात्रों ने धरना खत्म किया था।