भारत और रूस प्रतीकात्मक फोटो – फोटो : FERRPIC
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कार्यालय ने पश्चिम बंगाल में कलिम्पोंग के पूर्व सैनिक उर्गेन तमांग के एक दोस्त द्वारा लिखे पत्र पर जवाब दिया है। तमांग के दोस्त रबी प्रधान ने रूसी राष्ट्रपति कार्यालय को पत्र लिखकर बताया था कि तमांग रूस में नौकरी करने गया था, लेकिन उसे रूसी सेना में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया है। इसलिए उसे वापस भेज दिया जाए।
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रूसी भाषा में लिखे गए पुतिन के कार्यालय के ईमेल में बताया गया है आपकी अपील को देश के रक्षा मंत्रालय को भेज दिया गया है। यह ईमेल 23 जुलाई को कालिम्पोंग नगर पालिका के प्रशासक बोर्ड के अध्यक्ष रबी प्रधान को भेजी गई है। जिन्होंने 21 जुलाई को तमांग के परिवार की ओर से भारत में रूसी दूतावास के जरिए पत्र भेजा था।
प्रधान ने बताया, ”हमें उम्मीद है कि (पुतिन के कार्यालय से) यह पत्र मिलने के बाद मामले में तेजी आएगी।” प्रधान ने आगे कहा कि हमने भारत लौटने में मदद करने के लिए उर्गेन की अपील के संबंध में सभी आवश्यक दस्तावेज भेज दिए हैं।
40 साल के उर्गेन दूसरी नौकरी की तलाश में रूस गए थे
लगभग 40 साल के पूर्व सैनिक उर्गेन, जो दूसरी नौकरी की तलाश में 18 जनवरी को रूस गए थे। उन्होंने कथित तौर पर रूस से अपने परिवार के सदस्यों को सूचित किया था कि उन्हें “रूसी सेना की 144 वीं ब्रिगेड की दूसरी बटालियन के साथ ड्यूटी में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था” और यूक्रेन युद्ध में लड़ने के लिए अग्रिम पंक्ति में भेजा गया था।
प्रधान ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुतिन के साथ हाल में हुई मुलाकात के बाद उर्गेन के लिए सकारात्मक होगा।
डोनाल्ड लू ने पीएम की यात्रा पर जाहिर की थी निराशा
डोनाल्ड लू ने मंगलवार को कांग्रेस की सुनवाई में कहा कि अमेरिका प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा के प्रतीकात्मकता और समय से निराश है। जबकि बाइडन प्रशासन के अधिकारी ने विशेष रूप से इस बात पर प्रकाश डाला कि भारतीय प्रधानमंत्री ने मॉस्को का दौरा किया, जब वाशिंगटन उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा था। रिपब्लिकन कांग्रेसी जो विल्सन की तरफ से पीएम मोदी की यात्रा के बारे में चिंता जताए जाने के बाद डोनाल्ड लू ने कहा, मैं इस यात्रा के बारे में आपकी चिंता को साझा करता हूं…और हम उन चिंताओं को सीधे भारतीयों तक पहुंचाने की बहुत कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका की टिप्पणी पर भारत की दो टूक
दरअसल रणधीर जायसवाल ने दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू की इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी की रूस यात्रा पर टिप्पणियों पर सवाल पूछे जाने पर प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दुनिया में सभी देशों के पास उनकी पसंद की स्वतंत्रता है और हर किसी को ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना और उनकी सराहना करनी चाहिए।