लखनऊ के एकेटीयू में फर्जी अधिकारी बनकर 120 करोड़ की ठगी करने वाले मुख्य आरोपी अनुराग श्रीवास्तव ने घूमने के लिए एक रिक्शा चालक के नाम पर 25 लाख रुपये की एसयूवी खरीदी थी। जिसको ट्रेस करने के बाद टीम साइबर टीम बेंगलुरू (हैदराबाद) तक पहुंची थी। इन लोगों
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रिक्शा चालक से दस हजार में लिए थे कागज
अनुराग ने पुलिस पूछताछ में बताया कि रिक्शा चालक सुहेल खान से उसकी आईडी प्रूफ लेने के बदले में दस हजार रुपए दिए थे। जिसके नाम से 25 लाख की एसयूवी खरीदी।
बिल्डर चांद बाबू की तलाश में दबिश जारी
साइबर क्राइम थाना प्रभारी बृजेश कुमार यादव के मुताबिक ठगी के गिरोह में शामिल बेंगलुरू का शिवांश बजाज, गुजरात का कपिल मुनि और लखनऊ का चांद बाबू की तलाश चल रही है।
चांद बाबू ही इस ठगी गिरोह के लोगों को जोड़ने का सूत्राधार बताया जा रहा है। बिल्डर चांद बाबू केस दर्ज होने के बाद से ही फरार हो गया है।
ठगी के सभी आरोपियों के विषय में कई अहम जानकारी एकत्र कर ली गई हैं। जल्द ही सबकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
सात लोग पहले हो चुके थे गिरफ्तार
साइबर टीम इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया था। जिनसे ठगी से जुड़े अन्य लोगों के विषय में जानकारी हुई थी।
साइबर सेल ने अमरौली सूरत गुजरात के देवेंद्र जोशी, अहमदाबाद के उदय पटेल, उन्नाव यूपी के राजेश बाबू, बीकेटी लखनऊ के गिरीश चंद्र, महानगर लखनऊ के शैलेश कुमार रघुवंशी, मुसाफिर खाना अमेठी के रहने वाले दस्तगीर आलम, गांधीनगर बस्ती के रहने वाले कृष्णकांत को गिरफ्तार था। साइबर क्राइम टीम ने मंगलवार को बस्ती हरैया निवासी अनुराग श्रीवास्तव को फैजाबाद से गिरफ्तार किया था। पुलिस ने 119 करोड़ रुपए रिकवर कर चुकी है, जबकि 1 करोड़ की रिकवरी होनी बाकी है।
प्री-एक्टिवेटेड सिमों का किया गया था इस्तेमाल
पुलिस को धरपकड़ के दौरान ठगों के पास से 17 मोबाइल नंबर मिले थे। सभी मोबाइल नंबर के फेक आईडी पर पहले से ही एक्टिवेट कराए जाने की बात सामने आई थी।
ठगी की घटना को अंजाम देने के बाद सभी ने अपने अपने मोबाइल नंबर बदल दिए थे। वहीं अनुराग को दिल्ली बुलाकर उसके मोबाइल का पूरा डेटा डिलीट कर दिया था।
यूनियन बैंक मैनेजर ने ठगी के बाद दी थी सूचना
फर्जी दस्तावेज के माध्यम से एकेटीयू के खाते से कर लिए थे 120 करोड़ रुपए।
12 जून को यूनियन बैंक के मैनेजर अनुज कुमार सक्सेना ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कहा था कि उनकी ब्रांच से जालसाज ने बैंक का ऑफर लेटर लेकर अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) से 120 करोड़ की धोखाधड़ी की। जालसाज बापू भवन के सामने यूनियन बैंक की ब्रांच के पर एक व्यक्ति एकेटीयू का फाइनेंस ऑफिसर बनकर गया था। बैंक मैनेजर ने अपना विजिटिंग कार्ड और ऑफर लेटर दे दिया। जिसे जालसाज ने एडिट करके अपने नाम से बनाया था। इसके अलावा यूनियन बैंक और एकेटीयू की फर्जी मेल आईडी भी बनाई। फर्जी मेल से एकेटीयू की ऑफिसियल मेल पर और एकेटीयू की फर्जी आईडी से बैंक की असली आईडी पर मेल से लेटर चलाया। इसके बाद एकेटीयू में खुद को बैंक मैनेजर बनकर पहुंचा। वहां पर एफडी में सबसे ज्यादा इंटरेस्ट देने का लालच दिया। इस एकेटीयू का फाइनेंस ऑफिसर उसके झांसे में आ गया और 120 करोड़ की एफडी कराने के लिए तैयार हो गया। एकेटीयू का आथारिटी लेटर व केवाईसी लेकर 120 करोड़ आरटीजीएस के जरिए ट्रांसफर करवा लिए।