श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी मंदिर में, शास्त्री स्वामी हरिप्रकाशदासजी (अथाणावाला) की प्रेरणा और कोठारी विवेकसागरदासजी स्वामी के मार्गदर्शन में दिवाली के पावन पर्व के साथ विक्रम संवत 2081 का नववर्ष प्रारंभ हुआ है. यहां बड़ी संख्या में भक्तजन श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी के दर्शन कर नववर्ष का शुभारंभ कर रहे हैं. आज नववर्ष और शनिवार के शुभ अवसर पर हनुमानजी को 8 किलो सोने से बने वस्त्र पहनाए गए हैं, और उनके सिंहासन को रंग-बिरंगे फूलों से सजाया गया है.
विशेष आरती और छप्पन भोग का आयोजन
सुबह की मंगल आरती कोठारी विवेकसागर स्वामी द्वारा की गई, इसके बाद श्रृंगार आरती शास्त्री हरिप्रकाशदास स्वामी द्वारा संपन्न की गई. इस आरती में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया. दादाजी को 5 हजार किलो से अधिक विभिन्न व्यंजनों का छप्पन भोग अर्पित किया गया, जिसकी आरती शास्त्री हरिप्रकाशदास स्वामी ने की. दरबारगढ़ में भी नववर्ष के पहले दिन अन्नकूट का आयोजन किया गया. शास्त्री हरिप्रकाशदास स्वामी ने भक्तों को “जय श्री राम” और “जय श्री स्वामिनारायण” का आशीर्वाद दिया.
भव्य अन्नकूट में विविध व्यंजन
हनुमानजी महाराज को भव्य अन्नकूट चढ़ाया गया, जिसमें 108 मिठाइयाँ, 50 से अधिक फरसान और कई प्रकार की सब्जियाँ, दाल-भात आदि अर्पित किए गए. इस 5 हजार किलो से अधिक अन्नकूट का प्रसाद भक्तों में बांटा जाएगा. दादाजी के चरणों में प्रार्थना करते हुए कहा गया कि, “पुराना वर्ष जैसा भी गया हो, यह नया वर्ष आप सभी के लिए शुभ और मंगलमय हो.”
सोने के वस्त्रों का अनूठा श्रृंगार
नूतन वर्ष के पहले दिन श्री कष्टभंजन देव हनुमानजी को 8 किलो सोने से बने विशेष वस्त्र पहनाए गए, जिनकी कीमत 9 करोड़ रुपये से भी अधिक है. वर्ष 2019 में इन वस्त्रों को बनाने के लिए मंदिर के संतों ने 22 डिज़ाइनरों की टीम नियुक्त की थी. इस कार्य में प्रमुख भूमिका अंजार के हितेशभाई सोनी ने निभाई, और कुछ कार्य राजकोट और जयपुर में भी हुआ. कुल मिलाकर 100 से अधिक कारीगरों ने 1050 घंटों की मेहनत से इन वस्त्रों को तैयार किया, और इसे पूरा करने में एक साल का समय लगा.
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FIRST PUBLISHED :
November 3, 2024, 11:52 IST