मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के इंदरगढ़ में 26 नवंबर को दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। ये वारदात पानी के विवाद को लेकर हुई थी। युवक को पीटने का आरोप सरपंच और उसके परिवार पर है।
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पुलिस ने सरपंच समेत 8 लोगों के खिलाफ हत्या और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। सरपंच समेत 5 आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं, तीन की धरपकड़ के लिए दबिश दी जा रही है।
हत्या की इस वारदात के बाद पुलिस-प्रशासन की टीम लगातार गांव आ रही है। ग्रामीण कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। दबी जुबान से इतना जरूर कह रहे हैं कि युवक को करीब 7 मिनट बाहर और फिर करीब 10 मिनट तक कमरे के अंदर पीटा था। दैनिक भास्कर की टीम भी पूरे घटनाक्रम को समझने के लिए गांव पहुंची। यह जानने की कोशिश की कि आखिर कौन सी वजह थी, जिसके चलते युवक की जान चली गई। पढ़िए रिपोर्ट…
पहले खेत में मारा, फिर कमरे में ले जाकर पीटा नारद जाटव (28) पिता विष्णु जाटव ग्वालियर जिले के मोहना थाना क्षेत्र के देरार गांव का रहने वाला था। मंगलवार को अपने नाना के यहां इंदरगढ़ आया था। यहां एक साझे का बोर है, जिसके पानी का उपयोग सरपंच और जाटव परिवार करता है। मंगलवार दोपहर सरपंच पदम धाकड़ के खेत में इसी बोर से पानी जा रहा था।
नारद अपने खेत में पानी देने आया था। उसने मोटर बंद कर सरपंच की पाइप को फोड़ दिया। यह देखकर सरपंच की पत्नी दाखा बाई ने बेटे निक्की उर्फ अवधेश धाकड़ को बुला लिया। नारद और अवधेश के बीच बहस होने लगी। धक्का-मुक्की हुई। बात बढ़ी तो गुस्साए अवधेश ने भाई और चाचा को बुला लिया।
इसके बाद सभी लाठी लेकर नारद पर टूट पड़े। उसे करीब 7 मिनट तक ताल-घूंसे, लाठी-डंडे से पीटते रहे। नारद बेदम हुआ तो उसे खींचकर घर के पीछे कमरे में ले गए। यहां शटर गिराकर करीब 10 मिनट तक पीटा। फिर खींचकर बाहर लाए और मामा के घर के सामने फेंक दिया।
ममेरे भाइयों ने पुलिस को सूचना दी। मेडिकल कॉलेज शिवपुरी लेकर पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया।
नारद को लाठी-डंडे से पीटने की तीन तस्वीरें…
सरपंच के परिवारवालों ने नारद को बेदम होने तक पीटा।
मारपीट के दौरान महिलाएं भी मौजूद थीं लेकिन किसी ने नहीं रोका।
मारपीट के बाद नारद को उठाकर घर के बाहर फेंक दिया। परिजन उसे अस्पताल लेकर गए।
अपनी जमीन की देखरेख करने आता था नारद नारद अपने नाना हल्केराम जाटव के यहां अपने हिस्से की जमीन की देखरेख करने आता था। दरअसल, धनु बाई जाटव ने हल्केराम जाटव से दूसरी शादी की थी। पहले पति से उसे तीन बेटे करन सिंह, रघुवीर सिंह और मनीराम हुए। वहीं, हल्केराम से शादी के बाद उसे तीन बेटियां शीला जाटव, सूफिया और रामवती हुई।
हल्केराम ने अपने सौतेले बेटों की जगह अपनी करीब 4 बीघा जमीन तीनों बेटियों के नाम कर दी। नारद हल्केराम की बेटी शीला जाटव का बेटा था। वह अपने हिस्से की जमीन की देखरेख के लिए नाना के यहां आया करता था। करीब डेढ़ साल पहले हल्केराम की मौत हो गई।
इसी जगह नारद को आरोपियों ने पीटा। यहां आलू की फसल लगी है।
इस बार सरपंच को बटाई से दी थी जमीन हल्केराम खुद जमीन की देखरेख करते थे। उनकी मौत के बाद बेटियों के नाम की गई जमीन को बटाई पर लेकर बेटे खेती कर रहे थे। इस साल भाइयों को जमीन न देकर सरपंच पदम धाकड़ को बटाई से दे दी थी। सरपंच ने इस जमीन पर सरसों की फसल उगाई थी, जिसे देखने नारद यहां आया करता था।
सरपंच का मकान, जिसके पिछले हिस्से में बंद कर नारद को पीटा गया।
करीब 15 साल पहले साझे में कराया बोर हल्केराम जाटव ने जमीन का कुछ हिस्सा सरपंच को बेच दिया था। जमीन सटी होने के चलते करीब 15 साल पहले सरपंच पदम धाकड़ के परिवार और हल्केराम ने मिलकर एक बोर खुदवाया था। दोनों परिवार खेत और पीने के पानी के लिए इसी बोरवेल का उपयोग करते हैं।
कभी दोनों परिवार में संबंध इतने अच्छे थे कि हल्केराम जाटव के सौतेले बेटे भागीरथ और सरपंच पदम धाकड़ ने मिलकर पार्टनरशिप में ट्रक खरीदा था, जिसका काम भागीरथ देखता है। घटना के समय भागीरथ ट्रक लेकर बाहर गया हुआ था।
इसी पाइप को तोड़ने को लेकर हुए विवाद के बाद नारद को पीटा गया।
बोर का पानी ही बना विवाद की असल वजह नारद का खेत सरपंच ने बटाई पर ले रखा है। मंगलवार को सुबह साढ़े 11 बजे नारद अपने गांव से इंदरगढ़ के लिए निकला था। दोपहर में वह खेत पर पहुंचा। यहां देखा कि खेत पर लगी सरसों की फसल को पानी की जरूरत है।
साझे वाले बोर से सरपंच पदम अपने खेत में पानी दे रहा है। नारद ने एक पाइप अपने खेत पर लगा दिया। पानी का फोर्स बहुत कम था। सरपंच के उसके खेत में सिंचाई न कर अपने खेत में सिंचाई करने से नारद गुस्से में आ गया। उसने सरपंच के खेत में पानी की सप्लाई को बंद कर पाइप को तोड़ दिया।
यह सब सरपंच की पत्नी ने देख लिया। इसके बाद सरपंच का परिवार नारद पर टूट पड़ा। उसे इतनी बेहरमी से पीटा कि खेत में लगी आलू की फसल तक बर्बाद हो गई।
भाभी ने वीडियो बनाया, बोली-मारकर फेंक गए
नारद पर हुए हमले को मामा के बेटे रघुवीर की पत्नी रचना जाटव ने देखा था। उसी ने वीडियो बनाया था। उसने बताया कि पूरा विवाद पानी को लेकर हुआ था। नारद से मोटर का तार निकल गया था। सरपंच की पत्नी ने देखा और बेटे निक्की को बुला लिया।
निक्की ने आते ही नारद से कहा– तूने तार क्यों हटाया? दोनों भिड़ गए। उन्हें समझाया भी लेकिन दोनों नहीं माने। निक्की ने अपने सरपंच पिता को फोन किया। पिता शिवपुरी में थे। उन्होंने कहा- मैं आता हूं, फिर देखता हूं। उसे बैठाकर रखो।
निक्की ने अपने चाचा और बड़े पापा के बेटे को कॉल कर दिया। कुछ देर बाद मोहरपाल, अंकित वहां आ गए। सरपंच की पत्नी भी मौके पर ही थी। सभी ने नारद को लाठी से पीटना शुरू कर दिया।
मैं बचाने गई तो मुझे भी मारा। मारपीट करने के बाद खींचकर शटर के भीतर ले गए। कुछ देर बाद निक्की ने शटर से निकालकर उसे हमारे घर के बाहर फेंक दिया। हमसे बोला- अब इसे लेकर जाओ। हम नारद को उठाकर घर लाए।
हमें लगा- मारपीट की वजह से वह सो गया है। हमने उसे अच्छे से सुला दिया। उसने मुझसे पानी भी मांगा। कुछ देर बाद नारद की मां आ गई। मां ने उठाया तो वह नहीं उठा। हमने दो-तीन लोगों को बुलाया। इसी दौरान सरपंच आ गए। हमने उससे चलने को कहा। इसके बाद नारद को अस्पताल लेकर पहुंचे।
भाभी को लगा कि मारपीट के कारण नारद को नींद आ गई, इसलिए उसे सुलाकर रजाई ओढ़ा दी।
जमीन को लेकर परिवार में भी मनमुटाव था हल्केराम के दो सौतेले बेटों का निधन हो चुका है। रघुवीर जाटव के बाद इसी साल अगस्त महीने में करन सिंह की मौत भी बीमारी के चलते हुई थी। तीनों भाइयों के परिवार अब भी इंदरगढ़ गांव में निवास करते हैं।
हल्केराम की मौत के बाद उनके बेटों के परिवार ने अपनी बुआ से जमीन वापस देने की मांग की थी। बुआ भी जमीन वापस करने की बात कहती थीं लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा किया नहीं। इसे लेकर भी परिवार में आपसी मनमुटाव था।
परिवार ने बताया कि नारद जाटव के दो छोटे भाई हैं- राजकुमार जाटव और सूरज जाटव। नारद के पिता विष्णु जाटव सिंचाई विभाग में थे, जो अब रिटायर हो चुके हैं। नारद ट्रक ड्राइवर था। वह रात में ही काम से लौटा। सुबह खेत देखने मामा के यहां आया था।
आरोपियों के घर बुलडोजर चलाने की मांग नारद जाटव की मौत के बाद परिवार बुधवार को शव लेकर सुभाषपुरा थाने पहुंचे और नेशनल हाईवे जाम कर दिया। आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवाने की मांग की। मौके पर विधायक भी पहुंच गए। 5 दिन में न्याय नहीं मिलने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी गई।
गांव में अभी भी डर का माहौल है, लोग इस मामले में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
मंत्री बोले- क्रूरता के लिए कोई स्थान नहीं पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा, ‘मध्यप्रदेश सरकार ऐसी घटनाओं को लेकर पूरी तरह गंभीर है। पुलिस प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 5 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है। प्रदेश में अराजकता और क्रूरता के लिए कोई स्थान नहीं है। हम हर परिस्थिति में नागरिकों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
आईजी अरविंद सक्सेना और एसपी अमन सिंह राठौड़ गांव पहुंचे और परिवार से बात की।
पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया आईजी अरविंद सक्सेना, एसपी अमन सिंह राठौड़, कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी और एसडीएम उमेश चंद्र कौरव गुरुवार को गांव पहुंचे। परिजन से बात कर मामले को समझा। आईजी अरविंद सक्सेना का कहना है कि 26 तारीख को शाम को वारदात हुई थी। सरपंच पदम धाकड़ और जाटव फैमिली के बीच वाद-विवाद हुआ था।
पानी के विवाद में नारद जाटव के साथ मारपीट की गई। सरपंच, सरपंच के भाई, बेटे समेत परिवारवालों ने मारपीट की। नारद को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया था। अब तक 5 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। इनमें सरपंच, उनका भाई, बेटा, भतीजा और पत्नी शामिल हैं। अन्य तीन को जल्द पकड़ लिया जाएगा।
पुलिस ने इन्हें बनाया आरोपी पदम पिता मोतीलाल धाकड़ (49), दाखा बाई पति पदम धाकड़ (45), अवधेश उर्फ निक्की पिता पदम धाकड़ (24), मोहर पाल पिता मोतीलाल धाकड़ (44), जसवंत पिता मोतीलाल धाकड़ (35), बेताल पिता मोतीलाल धाकड़ (53), अंकेश पिता बेताल धाकड़ (23) और रिश्तेदार विमल पिता सीताराम धाकड़ (35)।
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शिवपुरी में दलित की लाठी-डंडों से पीटकर हत्या शिवपुरी के इंदरगढ़ गांव में युवक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में बुधवार को परिजन ने चक्काजाम कर दिया। आरोप लगाया कि पुलिस वक्त पर पहुंचती तो नारद की जान बच सकती थी। परिजन ने लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने की मांग की। इसके अलावा पीड़ित परिवार को शस्त्र लाइसेंस, आर्थिक मदद और सरकारी नौकरी देने की मांग की गई। पढ़ें पूरी खबर