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6.2 Ft लौकी और क्या-क्या? विरला है ये किसान,16 बार लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम

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Agency:News18 Haryana

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Haryana Farmer Limca Book of Records: कुरुक्षेत्र के रणधीर सिंह ने 1992 में ऑर्गेनिक किचन गार्डनिंग शुरू की, जिसमें 35 प्रकार की सब्जियां उगाईं। उन्होंने 16 बार लिम्का बुक में नाम दर्ज कराया और राष्ट्रीय पुरस्क…और पढ़ें

6.2 Ft लौकी और क्या-क्या? विरला है ये किसान,16 बार लिम्का बुक में दर्ज हुआ नाम

कुरुक्षेत्र के किसान रणधीर सिंह पिछले कई दशकों से किचन गार्डनिंग कर रहे हैं.

हाइलाइट्स

  • रणधीर सिंह ने 35 प्रकार की सब्जियां उगाई हैं.
  • उनका नाम 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है.
  • 2001 में ऑर्गेनिक खेती के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला.

कुरुक्षेत्र. आजकल कृषि विशेषज्ञ फल और सब्जियों की नई-नई किस्में ईजाद कर रहे हैं. अच्छी पैदावार के लिए किसान पेस्टिसाइड का अंधाधुंध प्रयोग कर रहे हैं. इससे पैदावार तो बढ़ती है, लेकिन फल और सब्जियों से इंसान बीमार हो रहे हैं. अब कुछ किसान रासायनिक खेती छोड़कर ऑर्गेनिक खेती की ओर रुख कर रहे हैं. सरकार और कृषि विभाग भी अब प्राकृतिक और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं.

दरअसल, कुरुक्षेत्र के किसान रणधीर सिंह पिछले कई दशकों से किचन गार्डनिंग कर रहे हैं. उनके किचन गार्डन में 35 प्रकार की सब्जियां उगाई जाती हैं. रणधीर सिंह का नाम 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है. उन्होंने 1992 में किचन गार्डनिंग शुरू की थी और ऑर्गेनिक तरीके से खेती करते हैं. उन्हें भारत में ऑर्गेनिक खेती के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है.

1992 से किचन गार्डन की शुरुआत

रणधीर सिंह ने बताया कि पहले वह कैथल के एक गांव में रहते थे. स्कूल के समय से ही उन्हें खेती में दिलचस्पी थी. 1972 में उन्होंने अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती शुरू की. बाद में जब उनके बच्चे बड़े हो गए और नौकरी पर लग गए, तो वह कुरुक्षेत्र में रहने लगे. वहां उन्होंने 1992 में अपने घर के बाहर किचन गार्डन शुरू किया. उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से खेती की और उनकी फसलें पूरे भारत में मशहूर हो गईं.

किचन गार्डन में 35 प्रकार की सब्जियां और फल

रणधीर सिंह ने बताया कि उनके किचन गार्डन में आलू, टमाटर, गोभी, गिया, मटर, बंद गोभी, ब्रोकली, लहसुन, प्याज, लौकी, पालक, मेथी, नींबू, चुकंदर, मूली, गाजर, धनिया, तोरी सहित करीब 35 सब्जियां उगाई जाती हैं. इसके साथ ही उन्होंने जड़ी-बूटियां भी लगाई हैं. उन्होंने सब्जियों के साथ-साथ गन्ना और कई प्रकार के फल भी ऑर्गेनिक तरीके से उगाए हैं.

उन्होंने सब्जियों के साथ-साथ गन्ना और कई प्रकार के फल भी ऑर्गेनिक तरीके से उगाए हैं.

16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

रणधीर सिंह का सपना था कि वह जिस क्षेत्र में काम कर रहे हैं, उसमें विश्व विख्यात हों. उन्होंने ऑर्गेनिक तरीके से किचन गार्डन में उगाई गई सब्जियों और फसलों पर 16 बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है. उन्होंने भारत की सबसे लंबी घीया (लौकी) 6.2 फीट की तैयार की है. लहसुन में भी उन्होंने दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया है. उन्होंने 500 ग्राम और 700 ग्राम की लहसुन की गांठ तैयार की थी. करेला, शलगम, अरबी, सतावर और रतालू में भी उन्होंने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स का खिताब जीता है.

ऑर्गेनिक खेती के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

रणधीर सिंह को 2001 में ऑर्गेनिक खेती के लिए नेशनल अवार्ड से नवाजा गया था. वह पहले ऐसे किसान थे जिन्होंने भारत में ऑर्गेनिक तरीके से खेती की और बड़े कीर्तिमान स्थापित किए. उन्होंने हरियाणा और पंजाब के किसान मेलों में 219 बार प्रथम और द्वितीय पुरस्कार जीते हैं. हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार ने उन्हें कृषि रत्न और राय बहादुर जैसे बड़े पुरस्कारों से नवाजा है.

हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार ने उन्हें कृषि रत्न और राय बहादुर जैसे बड़े पुरस्कारों से नवाजा है.

ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा

रणधीर सिंह का मकसद है कि अन्य किसान भी ऑर्गेनिक तरीके से खेती करें. वह अपने किचन गार्डन में किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग नहीं करते. वह जीव अमृत और देसी खाद का प्रयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि रसायन के प्रयोग से फसलों और सब्जियों पर बुरा प्रभाव पड़ता है और मानव स्वास्थ्य खराब होता है. इसलिए वह अन्य किसानों को भी ऑर्गेनिक खेती के लिए प्रेरित कर रहे हैं. वह किसानों को अपने द्वारा तैयार किए गए अवॉर्डी सब्जियों के बीज फ्री में देते हैं ताकि वे भी इस प्रकार की खेती करके अपना नाम कमाएं और देश का नाम रोशन करें.

Location :

Kurukshetra,Haryana

First Published :

February 04, 2025, 09:58 IST

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