Saturday, January 11, 2025
Saturday, January 11, 2025
Home देश ’40 साल में पहली बार…’ शिष्य ने दी ऐसी पटखनी, पवन चामलिंग कभी नहीं भूलेंगे

’40 साल में पहली बार…’ शिष्य ने दी ऐसी पटखनी, पवन चामलिंग कभी नहीं भूलेंगे

by
0 comment

’40 साल में पहली दफा…’ शिष्य से ही मात खा गए पवन चामलिंग, विधानसभा में नहीं रख पाएंगे कदम, 25 साल किया सिक्किम पर राज

गंगटोक. सिक्किम में पांच बार मुख्यमंत्री रहे पवन कुमार चामलिंग अपने शिष्य से चिर प्रतिद्वंद्वी बने प्रेम सिंह तमांग की एसकेएम के हाथों मिली करारी हार के बाद लगभग 40 वर्षों में यह पहला मौका है जब वह विधानसभा में नहीं पहुंच सके हैं. रविवार को आए सिक्किम विधानसभा चुनाव के नतीजे में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) ने 32 सीट में से 31 पर जीत दर्ज की, जबकि सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) केवल एक सीट जीत सकी. 73 वर्षीय एसडीएफ प्रमुख चामलिंग दो सीटों पर चुनाव लड़े और उन्हें दोनों पर हार का सामना करना पड़ा.

विधानसभा चुनाव के नतीजे एसडीएफ समर्थकों के लिए चौंकाने वाले हो सकते हैं, लेकिन एक समय राज्य के मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले एक शक्तिशाली क्षत्रप चामलिंग का पतन पांच साल पहले ही शुरू हो गया था. वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने चामलिंग के 25 साल के शासन को समाप्त कर दिया. इसके तुरंत बाद एसडीएफ को तगड़ा झटका तब लगा, जब उसके 10 विधायक भाजपा और दो विधायक एसकेएम में शामिल हो गए. विधायकों के दलबदल के बाद चामलिंग विधानसभा में पार्टी के एकमात्र विधायक रह गए.

एसकेएम और भाजपा ने जमीनी स्तर पर बड़ी संख्या में एसडीएफ कार्यकर्ताओं को अपने पाले में कर लिया. यहां तक ​​कि पूर्व भारतीय फुटबॉल कप्तान बाइचुंग भाटिया के एसडीएफ में शामिल होने से भी पार्टी की संभावनाओं में सुधार नहीं हुआ. अपने राजनीतिक पतन से पहले, चामलिंग ने लगभग 25 साल तक सिक्किम के मुख्यमंत्री के रूप में निर्बाध रूप से नेतृत्व किया, जो ज्योति बसु के 23 साल के कार्यकाल से अधिक था. बसु 1977 से 2000 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे थे.

बसु की तरह चामलिंग ने 1994 से 2019 तक अपनी पार्टी को पांच बार सत्ता में पहुंचाया था. यह उस नेता के लिए कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी, जिसने 1982 में यांगंग ग्राम पंचायत के अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित होकर सिक्किम की राजनीति में एक साधारण शुरुआत की थी. वर्ष 1985 में चामलिंग ने तत्कालीन मुख्यमंत्री नर बहादुर भंडारी के नेतृत्व वाली सिक्किम संग्राम परिषद (एसएसपी) के टिकट पर दक्षिण सिक्किम के अपने गृह जिले दमथांग निर्वाचन क्षेत्र से अपना पहला विधानसभा चुनाव जीता. उनकी राजनीतिक यात्रा को 1989 में और बढ़ावा मिला जब वे दमथांग से दूसरी बार निर्वाचित हुए और भंडारी ने उन्हें उद्योग, सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री बनाया.

हालांकि, दोनों नेताओं के बीच की दोस्ती लंबे समय तक नहीं टिकी क्योंकि चामलिंग ने भंडारी की नेतृत्व शैली पर सवाल उठाए, जिसके बाद उन्हें 1992 में सिक्किम संग्राम परिषद से बर्खास्त कर दिया गया. तब तक, चामलिंग ने राज्य की राजनीति में अपनी जगह बना ली थी और 1993 में, चामलिंग ने एसडीएफ की स्थापना की और 1994 के विधानसभा चुनावों में इसे जीत दिलाई. चामलिंग का राजनीति कद लगातार बढ़ता रहा क्योंकि उन्होंने 1999, 2004, 2009 और 2014 के विधानसभा चुनाव में एसडीएफ को सफलतापूर्वक जीत दिलाई.

Tags: Assembly elections, BJP, Congress, Sikkim assembly election 2024

FIRST PUBLISHED :

June 2, 2024, 22:55 IST

You may also like

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.