प्रयागराज: महाकुंभ नगर में जहां करोड़ों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं, वहीं देश भर के कोने-कोने से तरह-तरह के बाबा आए हुए हैं। कुछ बाबा यहां ऐसे भी आपको मिलेंगे जो अपने शरीर पर लाखों रुपये के स्वर्ण आभूषण धारण किए हुए हैं। श्री पंचदशनाम आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अरुण गिरि रत्नजड़ित अंगूठियां, भारी सोने के कंगन और हीरे की घड़ियां पहनते हैं, जिनका वजन 6.7 किलोग्राम है।
इसी तरह, निरंजनी अखाड़े से जुड़े साधु 67 वर्षीय एसके नारायण गिरि गोल्डन बाबा के नाम से मशहूर हैं। वे करीब 4 किलो सोने के आभूषण पहनते हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 6 करोड़ रुपये है। उन्हें निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाया गया है। महंत के पास देवी-देवताओं की नक्काशी वाली एक भारी सोने की छड़ी भी है। उनका मानना है कि उनके आभूषण उनके गुरु के प्रति भक्ति का प्रतीक है।
मोबाइल फोन का कवर भी सोने का
गोल्डन बाबा के मोबाइल फोन का कवर भी सोने का बना हुआ है। बाबा का कहना है कि उनका सोना केवल बाहरी चमक नहीं, बल्कि उनके आध्यात्मिक जीवन और साधना का प्रतीक है। गोल्डन बाबा मूलरूप से केरल के हैं पर दिल्ली में रहते हैं।
पर्यावरण बाबा भी सोने के शौकीन
एक अन्य संत अरुण गिरि जो पर्यावरण बाबा के नाम से मशहूर हैं, वे भी सोने के आभूषण धारण किए हुए हैं। अरुण गिरि ने एक करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं और महाकुंभ में भक्तों के बीच 51,000 फलों के पौधे वितरित करने का संकल्प लिया है। उनका मानना है कि रत्नजड़ित अंगूठियां, सोने के कंगन और हीरे की घड़ियां उनके द्वारा पहनी जाने वाली ऊर्जा का संचार करती हैं, जो उन्हें ध्यान लगाने में मदद करती हैं।
5 किलो स्वर्ण आभूषण पहनते हैं बड़ौदा वाले बाबा
श्री दशनाम श्री संत गुरुदत्त अखाड़ा का गठन करने वाले एक अन्य संत आदित्यानंद गिरि 23 जनवरी को महाकुंभ पहुंचेंगे। गुजरात के बड़ौदा से आए यह संत 5 किलो सोने के आभूषण पहनते हैं और उनका मानना है कि इनसे सूर्य देव की ऊर्जा निकलती है। वे मेला क्षेत्र के सेक्टर 13 में डेरा डालेंगे।