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4 सालों में गायब हो गए 50 लाख से ज्यादा पेड़! खेत में बदली जा रही जंगल की जमीन, रिसर्च में खुलासा

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Tree Cut in India: रिसर्च में पाया गया कि साल 2018 में लगभग 11 फीसदी बड़े पेड़ गायब हुए थे. खेतों के भीतर के पेड़ों को फसल की पैदावार के लिए हानिकारक माना जाता है इस वजह से भी पेड़ काटे जा रहे हैं.

By : पीटीआई- भाषा | Updated at : 18 May 2024 09:05 PM (IST)

Tree Cut in India: भारत में 2018 और 2022 के बीच बड़ी कृषि भूमि के 50 लाख से अधिक पेड़ आंशिक रूप से बदली हुई कृषि प्रथाओं के कारण गायब हो गए, जो चिंताजनक है. यह बात पत्रिका नेचर सस्टेनेबिलिटी में प्रकाशित नये शोध में सामने आयी है. शोधकर्ताओं ने कहा कि गौर करने वाली एक प्रवृत्ति उभर रही है, जिसमें कृषि वानिकी प्रणालियों को धान के खेतों में तब्दील किया जा रहा है, भले ही एक निश्चित हानि दर स्वाभाविक रूप से हो सकती है.

कृषि वाले क्षेत्रों से भी हटाए जा रहे बड़े पेड़

उन्होंने कहा कि इन कृषि वानिकी क्षेत्रों के भीतर बड़े पेड़ों को हटाया गया है और अब अलग-अलग ब्लॉक वृक्षारोपण में आमतौर पर कम पारिस्थितिकी मूल्य वाले पेड़ लगाये जा रहे हैं. ब्लॉक वृक्षारोपण में आमतौर पर पेड़ों की कम प्रजातियां शामिल होती हैं. इसकी संख्या में वृद्धि पाई गई है और इसकी पुष्टि तेलंगाना, हरियाणा, महाराष्ट्र और अन्य राज्यों के कुछ ग्रामीणों ने साक्षात्कार में की.

बड़े पेड़ से फसल को होता है नुकसान

डेनमार्क के कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं सहित दल ने बताया कि पेड़ों को हटाने का निर्णय अक्सर पेड़ों के कथित कम लाभ से प्रेरित होता है, साथ ही इस चिंता से भी जुड़ा होता है कि नीम जैसे पेड़ों की छाया से फसल की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.

शोधकर्ताओं ने कहा कि कृषिवानिकी पेड़ भारत के परिदृश्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, क्योंकि वे हवा से कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने की क्षमता के कारण प्राकृतिक जलवायु समाधान होने के साथ-साथ सामाजिक-पारिस्थितिकीय लाभ भी उत्पन्न करते हैं.

2018 में 11 फीसदी बड़े पेड़ हुए गायब

शोधकर्ताओं के दल ने इस अध्ययन के लिए ब्लॉक वृक्षारोपण को छोड़कर, लगभग 60 करोड़ कृषि भूमि के पेड़ों की मैपिंग की और पिछले एक दशक में उनपर नजर रखी. उन्होंने पाया कि लगभग 11 फीसदी बड़े पेड़ 2018 तक गायब हो गए.

शोधकर्ताओं ने कहा, ‘‘इसके अलावा, वर्ष 2018-2022 की अवधि के दौरान, 50 लाख से अधिक बड़े खेत के पेड़, आंशिक रूप से बदली हुई खेती प्रथाओं के कारण गायब हो गए, क्योंकि खेतों के भीतर के पेड़ों को फसल की पैदावार के लिए हानिकारक माना जाता है.’’

ये भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024: ‘भारत में मनुस्मृति लागू करना चाहती है BJP’, CPIM महासचिव सीताराम येचुरी का दावा

Published at : 18 May 2024 09:04 PM (IST)

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