RG Kar Case: 3 मुख्य वजह, जिसने रोक दी संजय रॉय की फांसी, वकील को बरी होने की उम्मीद क्यों?
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RG Kar Case: आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर के आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके बाद उसके वकील ने हाईकोर्ट में अपील करने का मंसूबा जाहिर किया है.
कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक ट्रेनी लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले में दोषी ठहराए गए संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. संजय रॉय अब हाइकोर्ट में अपील दायर करेगा. आरजी कर मामले में निचली अदालत के संजय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद, उसके वकील सेनजुति चक्रवर्ती ने कहा कि वे संजय को ‘बरी’ करने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे. सेनजुति ने कहा कि अगर किसी आरोपी को निचली अदालत में दोषी पाया जाता है, तो भी उसे ऊपरी अदालत में अपील करने का अधिकार है. उस अधिकार के तहत वे अब हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की योजना बना रहे हैं.
सियालदह की एक अदालत ने शनिवार को संजय को आरजी कर अस्पताल में एक डॉक्टर से बलात्कार और हत्या का दोषी ठहराया. जज अनिर्बान दास ने सोमवार को उनकी सजा का ऐलान किया. इसके बाद संजय के वकील ने कहा कि ‘हम संजय को पीड़ित मानते हैं और उनकी रिहाई के लिए हाई कोर्ट में लड़ेंगे. यह उनका मौलिक अधिकार है.’
निचली अदालत में संजय की ओर से पैरवी करते हुए उनके वकीलों ने फांसी की जगह जेल में डालने की दलील दी. सेनजुति के अनुसार, मृत्युदंड देने के लिए तीन विशेष शर्तों को पूरा करना होगा:
1. किसी आरोपी को जेल में तब रखा जाता है, जब उसे खतरनाक माना जाता है.
2. जब न्यायालय संतुष्ट हो जाये कि अभियुक्त का सुधार संभव नहीं है.
3. जब सबूत होने के बाद भी मामले में कुछ संदेह हो.
सेनजुति का दावा है कि संजय के खिलाफ मामले में अभी भी कुछ संदेह है. इसके चलते वे इस मामले को हाईकोर्ट में उठाएंगे. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी का हवाला दिया कि, हालांकि ‘दुर्लभ से भी दुर्लभ’, पुनरीक्षण का अवसर एक मौलिक मानव अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में जेलों को भी सुधारगृह माना जाता है. इसलिए संजय को भी सुधार का मौका दिया जाना चाहिए. इसलिए वे हाईकोर्ट में अपील करेंगे.
Location :
Kolkata,West Bengal
First Published :
January 20, 2025, 22:11 IST