Saturday, January 4, 2025
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Home 2025 में विकास की रफ्तार पकड़ेगा मेरठ:गंगा एक्सप्रेसवे-आउटर रिंग रोड-लिंक रोड पर दौड़ेंगे वाहन, मोदीपुरम तक नमो भारत

2025 में विकास की रफ्तार पकड़ेगा मेरठ:गंगा एक्सप्रेसवे-आउटर रिंग रोड-लिंक रोड पर दौड़ेंगे वाहन, मोदीपुरम तक नमो भारत

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2025 में मेरठ विकास की रफ्तार भरने वाला है। कई ऐसे बड़े प्रोजेक्ट पूरे होने वाले हैं जिसके बाद मेरठ की सूरत ही बदल जाएगी। कारोबार के नए आयाम स्थापित होंगे। लोगों को वर्षों से लगने वाले जाम से मुक्ति मिलेगी। कई नए औघोगिक गलियारे बनोंगे तो वहीं नई टाउनश

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आइए आपको बताते हैं कौन से प्रोजेक्ट होंगे पूरे…

अप्रैल तक गंगा एक्सप्रेसवे पर दौड़ने लगेंगे वाहन

मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले गंगा एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है। योगी सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई 594 किमी है। 12 जिलों से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से प्रयागराज की दूरी महज 8 घंटे में पूरी हो सकेगी। मार्च तक गंगा एक्सप्रेसवे तक वाहन दौड़ने की उम्मीद है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ से शुरु होकर हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, सम्भल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज पर समाप्त होगा।

गंगा एक्सप्रेसवे एक नजर में

यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा है। मेरठ समेत 12 जिलों से होकर गुजर रहा है।

एक्सप्रेसवे पर दो बड़ी नदियों गंगा और रामगंगा पर पुल बना दिए गए हैं। एक्सप्रेसवे पर 18 फ्लाईओवर और 8 रोड ओवर ब्रिज बन रहे हैं। एक्सप्रेसवे पर अधिकतम स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी।

गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से प्रयागराज की दूरी 8 घंटे में पूरी हो जाएगी। इसके निर्माण के लिए करीब 7,453 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण किया गया है। एक्सप्रेसवे का शिलान्यास 18 दिसंबर, 2021 को हुआ था। निर्माण का अनुमानित खर्च 37,350 करोड़ रुपये है। एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक गलियारा भी बनाया जा रहा है।

आउटर रिंग रोड बनने से आएगा बड़ा बदलाव

आउटर रिंग रोड बनने के बाद मेरठ की सूरत बदल जाएगी। आउटर रिंग रोड, रुड़की रोड-मवाना रोड-गढ़ रोड-हापुड़ रोड को कनेक्ट करते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण को टच करेगी। ऐसे में हापुड़-गढ़ की तरफ से मुजफ्फरनगर-रुड़की-बिजनौर जाने वाले लोगों को शहर के भीतर से जाने की जरूरत नहीं होगी।

मेरठ पांच नेशनल हाईवे से जुड़ा है। एनएच-235, एनएच-58, एनएच-119, एनएच-709 ए तथा दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे को जोड़ा जा रहा है। गढ़मुक्तेश्वर से मेरठ आने वाले एनएच-709ए पर तेजी से काम चल रहा है। गढ़ रोड पर सिसौली के पास इंटरचेंज बनाया जा रहा है। यहां से मेरठ-हापुड़ एनएच-235 के लिए सड़क तैयार की जा रही है। आउटर रिंग रोड सिसौली से होते हुए हापुड़ रोड पर लोहियानगर के पास मौजूदा डंपिंग ग्राउंड के पास जाकर जुड़ेगी। इसकी लंबाई छह किलोमीटर है। यहीं से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पांचवें चरण का काम तेजी से चल रहा है। आउटर रिंग रोड पूरी होते ही हापुड़, बुलंदशहर, मुरादाबाद, बागपत जाने के लिए शहर के अंदर आने जरूरत नहीं होगी। नरहेड़ा के पास पांचवें फेज का दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का काम चल रहा है। लैंड फिलिंग के तौर पर मिट्टी बिछाई जा रही है। बड़े-बड़े डंफरों से मिट्टी डाल बुलडोजर के जरिए काफी दूर तक जमीन समतल की जा रही है। यहीं से सीधे दिल्ली आ-जा सकेंगे। ऐसे ही गढ़ रोड को मवाना रोड से भी जोड़ा जा रहा है।

सिसौली के पास से ही भावनपुर होते हुए सलारपुर तक 12. किमी. सड़क का निर्माण चल रहा है। इसकी लागत 992 करोड़ है। सलारपुर में भी इंटरचेंज प्रस्तावित है, यहां से दौराला के पास से होते हुए एनएच-58 पर जाया जा सकेगा। इसके अप्रैल-मई तक पूरा होने की उम्मीद है।

नमो भारत मार्च तक आएगी शॉपरिक्स तक…मोदीपुरम भी इसी साल टारगेट

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ तक प्रस्तावित 82 किमी लंबे आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद से मेरठ साउथ तक नमो भारत ट्रेन का संचालन हो रहा है। साहिबाबाद से आनंद विहार तक भी स्टेशन बनकर तैयार हो गए हैं। मार्च तक नमो भारत शॉपरिक्स मॉल तक आ जाएगी। जिसके बाद मेरठ के लोग शॉपरिक्स मॉल से आनंद विहार तक सफर कर सकेंगे। 2025 में नमो भारत और मेट्रो मोदीपुरम तक चलाने का लक्ष्य है। ऐसे में ये साल मेरठ के लोगों के लिए ट्रांसपोर्ट के मायने में बहुत अहम रहेगा।

20 अक्टूबर 2023 को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था

20 अक्टूबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के प्रथम दिल्ली-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर का उद्घाटन किया था। पहली ट्रेन साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर तक चलाई गई। इसके बाद 6 मार्च 2024 को कॉरिडोर के 17 किलोमीटर के अतिरिक्त खंड को परिचालित करते हुए मोदी नगर नार्थ तक चालू किया गया। 18 अगस्त 2024 को 8 किलोमीटर और बढ़ाते हुए मेरठ साउथ तक नमो भारत पहुंच गई। अभी तक 50 लाख से ज़्यादा यात्री नमो भारत ट्रेन से यात्रा कर चुके हैं।

अंडर ग्राउंड टनल में भी तेजी से पूरा किया जा रहा कार्य।

अंडर ग्राउंड टनल में भी तेजी से पूरा किया जा रहा कार्य।

मेरठ साउथ से मोदीपुरम तक सिविल कार्य लगभग पूरा होने वाला है। ट्रैक बिछाने और ओएचई (ओवरहेड इलेक्ट्रिक) इंस्टॉलेशन का काम तेजी से चल रहा है। एनसीआरटीसी का 2025 में पूरे कॉरिडोर को परिचालित करने का लक्ष्य है कॉरीडोर में मेरठ से दिल्ली तक स्टेशनों और वायाडक्ट पर 8000 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा दी गई है।

मेरठ में नमो भारत के कई स्टेशन पूरी तरह से होने वाले हैं तैयार।

मेरठ में नमो भारत के कई स्टेशन पूरी तरह से होने वाले हैं तैयार।

मेरठ बागपत रोड लिंक मार्ग मिलने से जाम से मिलेगी राहत

बागपत रोड पर टीपीनगर थाने के सामने से ये लिंक मार्ग रेलवे रोड जैन मंदिर के पास निकलेगा। ऐसे में कैंट जाने के लिए मेट्रो प्लाजा-डीएन कॉलेज चौराहे का चक्कर काटकर नहीं जाना पड़ेगा। 11.5 मीटर चौड़े और 900 मीटर लंबे इस मार्ग के बनने से लोगों को जाम से बड़ी राहत मिलेगी।

बागपत रोड से रेलवे रोड को जोड़ने वाले लिंक मार्ग पर चल रहा कार्य।

बागपत रोड से रेलवे रोड को जोड़ने वाले लिंक मार्ग पर चल रहा कार्य।

इन कॉलोनियों के लोगों को मिलेगा बड़ा फायदा

दशमेश नगर, कमला नगर, जैन नगर, आनंदपुरी, प्रेमपुरी, मधुबन कालोनी, शंभू नगर, टीपी नगर, संत नगर, ज्वाला नगर, बसंत कुंज, नंदन नगर, रघुकुल विहार, चंद्रलोक, साबुन गोदाम, न्यू चंद्रलोक, उत्तम नगर, महावीर जी नगर, उत्सव हरि, कन्हैया वाटिका, नवल विहार, मुल्तान नगर, किशनपुरा, सुंदरम कालोनी, देव पार्क, ऋषि नगर, उमेश विहार, शांतिनगर, मलियाना, न्यू मेवला, देवश्री हाइट, आनंदा हाइट और उत्सव हाइट, ट्रांसपोर्ट नगर समेत 35 से ज्यादा कालोनियों को सीधा लाभ पहुंचेगा। ये लिंक मार्ग अगले 4 महीने में बनकर तैयार होने की उम्मीद है।

यूपी की पहले खेल यूनिवर्सिटी शुरू होने की उम्मीद ​​​

2025 में मेरठ को यूपी का पहला खेल विश्वविद्यालय भी मिलने की उम्मीद है। अगस्त 2025 तक कार्य पूरा कए जाने का दावा किया जा रहा है। खेल विश्वविद्यालय के कुलपति भी नियुक्ति भी हो चुकी है।

मेरठ मुख्यालय से 30 किमी दूर सलावा गंगनहर के किनारे यूपी का पहला खेल विश्वविद्यालय बन रहा है। यहां जाने के 2 रास्ते हैं। एक गंग नहर के बराबर से जाता है। दूसरा रास्ता एनएच-58 के दादरी गांव से 5 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए खेल यूनिवर्सिटी पहुंचता है। 700 करोड़ की लागत से 91.38 एकड़ में बन रहे विवि का निर्माण लोक निर्माण विभाग की ओर से रांची की कंपनी दीपांशु प्रमोटर व बिल्डर द्वारा कराया जा रहा है।

पिलर और कॉलम का हो चुका है काम

खेल विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य 2 ब्लॉक में किया जा रहा है। 2 जनवरी 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नींव रखे के जाने के बाद कंपनी ने काम 13 फरवरी 2024 से शुरू किया।कंपनी ने निर्माण कंप्लीट होने की तारीख 14 अगस्त 2025 दी हुई है।

दो पॉकेट में चल रहा निर्माण कार्य

खेल विश्वविद्यालय का काम दो पॉकेट में चल रहा है। पॉकेट-ए में प्रशासनिक ब्लॉक, एकेडमिक ब्लॉक, क्लास रूम कॉम्पलेक्स, सेंट्रल लाइब्रेरी और अफसर व कर्मचारियों के आवास व विद्यार्थियों के हॉस्टल का निर्माण कार्य चल रहा है। पॉकेट-बी में भव्य स्टेडियम, फुटबॉल ग्राउंड, फैसिलिटी सेंटर, इनडोर स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जा रहे हैं।

​​​​​​पहले सत्र में एक हजार सीटों पर होंगे एडमिशन

खेल विश्वविद्यालय में पहले सत्र में 1000 सीटों पर एडमिशन होंगे। इनमें से 500 सीटें महिलाओं के लिए होंगी। 700 करोड़ की लागत से 90 एकड़ में तैयार होने वाले विश्वविद्यालय कैंपस में पीजी डिप्लोमा से पीएचडी तक की पढ़ाई होगी। रुड़की आईआईटी ने इसका ले-आउट बनाया है।

खिलाड़ियों को मिलेंगी अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं

खेल यूनिवर्सिटी में फुटबाल, हॉकी एस्ट्रोटर्फ, सिंथेटिक ट्रैक, ओलंपिक साइज स्वीमिंग पूल, शूटिंग रेंज और साइकिल ट्रैक भी होगा। मल्टीपरपज हॉल, जिमनेजियम, योगा हॉल, गार्ड रूम, बास्केट बॉल, लॉन टेनिस, वॉलीबॉल, 60 मीटर शूटिंग रेंज, 90 मीटर शूटिंग रेंज व 125 मीटर शूटिंग रेंज, 100 मीटर ट्रैक, हाकी ग्रांउड, फुटबॉल, एथलेटिक्स, हैंडबॉल कोर्ट आदि खेल भी यहां होंगे।

राफ्टिंग, रोइंग जैसे जलीय खेलों का भी होगा प्रशिक्षण

खेल यूनिवर्सिटी में राफ्टिंग व रोइंग जैसे जलीय खेलों का प्रशिक्षण भी होगा। इसके अलावा ओलिंपिक खेल जैसे शूटिंग रेंज, शानदार ट्रैक एवं फील्ड के अलावा खो-खो जैसे परंपरागत खेल को प्रोत्साहन देने के लिए भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं जैवलिन थ्रो, भारोत्तोलन, कुश्ती, हॉकी, वॉलीबॉल के अलावा टर्फ युक्त मैदानों के साथ ओलिंपिक आकार का स्विमिंग पूल व साइकिलिंग ट्रैक बनाए जाएंगे। आउटडोर गेम्स के लिए 20 से 25 हजार और इंडोर गेम्स के लिए करीब पांच हजार की क्षमता वाले होंगे।

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