होमन्यूज़इंडिया‘2019 में भी उठाए थे सवाल’, खरगे ने वोटिंग प्रतिशत पर चुनाव आयोग को घेरा तो मिला ये जवाब
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर तीन चरण हो चुके हैं, लेकिन कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल मतदान प्रतिशत के आंकड़ों देरी से जारी करने का आरोप लगाते हुए इलेक्शन कमीशन को घेर रहे हैं.
By : एबीपी लाइव, एजेंसी | Updated at : 12 May 2024 11:05 AM (IST)
चुनाव आयोग ( Image Source :ANI )
Lok Sabha Election 2024: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत विपक्षी दलों के अन्य नेता वोटिंग प्रतिशत का डाटा जारी करने में देरी का आरोप लगाते हुए कई सवाल उठा रहे हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने कहा कि बिना सबूत के आरोप लगाए जा रहे हैं.
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने संडे एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे के आरोप 2019 की तरह है. इस दौरान भी बिना सबूत के दावा किया गया था. अधिकारी ने कहा, ”2019 में विपक्षी दलों का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल आयोग से मिला और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. आयोग ने आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया में हमेशा संयम बरता है, भले ही वे निराधार क्यों नहीं हो.”
दरअसल, हाल ही में इलेक्शन कमीशन ने मतदान आंकड़ों पर कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के लिखे पत्र पर आपत्ति जताई थी.
तुनाव आयोग ने क्या कहा?
निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार (10 मई) को पांच पन्नों के जवाब में मतदान आंकड़ा जारी करने में कुप्रबंधन और देरी के आरोपों को खारिज कर दिया. आयोग ने खरगे के आरोपों को अनुचित तथ्यहीन और भ्रम फैलाने के पक्षपातपूर्ण और जानबूझकर किए गए प्रयास को प्रतिबिंबित करने वाला करार दिया.
आयोग ने खरगे के उस बयान की निंदा की जिसमें उन्होंने आश्चर्य जताया था कि क्या मतदान प्रतिशत आंकड़ा जारी करने में देरी अंतिम परिणामों में हेरफेर करने का प्रयास है.
मन में संदेह पैदा कर सकता है-चुनाव आयोग
निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसे मौजूदा चुनावी प्रक्रिया के बीच में सार्वजनिक रूप से जारी किया गया खरगे का पत्र बेहद अवांछनीय लगा और इसे सुचारू, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव के संचालन में भ्रम, गलत दिशा और बाधा पैदा करने के लिए तैयार किया गया था.
आयोग ने कहा, “जब आपने पूछा कि क्या यह अंतिम परिणामों में छेड़छाड़ का प्रयास हो सकता है तो पोस्ट की सामग्री, संकेतों और आक्षेपों के माध्यम से, चुनाव प्रबंधन की संवेदनशीलता के संबंध में असामंजस्य पैदा करती है. यह मतदाताओं और राजनीतिक दलों के मन में संदेह और संभावित रूप से अराजक स्थिति पैदा कर सकता है, यह आयोग आशा करता है कि आपका ऐसा कोई इरादा नहीं है.
इनपुट भाषा से भी.
Published at : 12 May 2024 10:58 AM (IST)
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