हिंदी न्यूज़जनरल नॉलेज15 डिग्री तापमान के बाद भी क्यों धधक रहे लॉस एंजिल्स के जंगल, सर्द मौसम क्यों नहीं आ रहा काम?
अधिकतर आग की घटनाएं भीषण गर्मी में होती हैं. इसकी वजह होती है बढ़ा हुआ तापमान, लेकिन लॉस एंजिल्स जहां टेंप्रेचर करीब 15.9 डिग्री बना हुआ है, ऐसे में आग की टाइमिंग हैरान करने वाली है.
By : एबीपी लाइव | Edited By: Pranjul Srivastava | Updated at : 12 Jan 2025 11:02 AM (IST)
लॉस एंजिल्स के जंगलों में आग
अमेरिका का कैलिफोर्निया इन दिनों प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहा है. यहां लॉस एंजिल्स के जंगल भीषण आग की चपेट में हैं. यह आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुकी है और कई एकड़ जमीन स्वाहा हो गई है. अभी तक करीब 11 लोगों की मौत हुई है और 10000 से ज्यादा मकान भी राख हो गए हैं. इस आग को अमेरिकी इतिहास की सबसे महंगी आग की घटना माना जा रहा है. बीमा कंपनियों का अनुमान है कि आग में 8 अरब डॉलर की संपत्तियों का नुकसान हो चुका है.
अब सवाल यह है कि अधिकतर आग की घटनाएं भीषण गर्मी में होती हैं. इसकी वजह होती है बढ़ा हुआ तापमान, लेकिन लॉस एंजिल्स जहां टेंप्रेचर करीब 15.9 डिग्री बना हुआ है, ऐसे में आग की टाइमिंग हैरान करने वाली है. इतनी सर्दी होने के बावजूद आग का इतना विकराल हो जाने की वजह क्या है? आइए जानते हैं…
जून के अक्टूबर के बीच लगती है आग
जंगलों या फिर खेतों में आग की अधिकतर घटनाएं गर्मियों के मौसम में होती हैं. यह मौसम जून से अक्टूबर तक का होता है. हालांकि, अमेरिका लॉस एंजिल्स जनवरी के महीने में धधक रहा है, जब यहां ठंड पड़ती है और पारा 10 डिग्री से भी नीचे पहुंच जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस आग का सीधा संबंध क्लाइमेट चेंज है. कुछ स्टडी में साफ रूप से कहा गया है कि पश्चिमी अमेरिका में जंगलों में लगी आग का सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन से है.
लॉस एंजिल्स में सूखा
पश्चिमी अमेरिका में जंगलों में लग रही आग का बड़ा कारण बढ़ती गर्मी और लंबा सूखा होना भी है. दरअसल, क्लाइमेट चेंज होने की वजह से अक्टूबर से अब तक लॉस एंजिल्स में सिर्फ 4 फीसदी बारिश हुई और यहां सूखा काफी बढ़ गया है. वहीं, जमीन से समुद्र तट की ओर बहने वाली सेंटा एना हवाओं ने आग को तेजी से फैलाया है. आंकड़ों को देखें तो लॉस एंजिल्स में 2012 से 2024 के बीच औसतन 40 गुना ज्यादा आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं. लॉस एंजिल्स में 9 जनवरी तक 60 फायर अलर्ट के मामले दर्ज किए जा चुके हैं. इससे पहले 2021 में 10 से ज्यादा अलर्ट जारी हुए थे.
गर्म होती जा रही दुनिया
जलवायु परिवर्तन तेजी से हो रहा है और दुनिया तेजी से गर्म हो रही है. इसका मजमून है कॉपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विसेस की वह रिपोर्ट, जिसमें 2024 को अब तक का सबसे गर्म साल घोषित किया गया है. कहा गया है कि पिछले साल का वैश्विक औसत तापमान पूर्व औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा. 2024 में जनवरी से जून तक का हर महीना अब तक का सबसे गर्म माह रहा.
Published at : 12 Jan 2025 11:01 AM (IST)
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