Saturday, March 1, 2025
Home हिमाचल सरकार ने मांगा मंदिरों से चंदा, बीजेपी बोली- मंदिरों की दानपेटी पर सुक्खू की नजर

हिमाचल सरकार ने मांगा मंदिरों से चंदा, बीजेपी बोली- मंदिरों की दानपेटी पर सुक्खू की नजर

by
0 comment

शिमला: हिमाचल प्रदेश में मंदिरों और धार्मिक ट्रस्टों की धनराशि को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार के इस निर्णय की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह सनातन धर्म का विरोध करने के साथ-साथ मंदिरों की धनराशि का उपयोग अपनी योजनाओं के लिए करना चाहती है। इस निर्णय के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मोर्चा खोल दिया है और आम जनता से भी इस फैसले के खिलाफ आवाज उठाने का आह्वान किया है। उधर, मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखू की सरकार ने तीखा पलटवार किया और राज्य इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह ने जोर देकर कहा कि दान केवल मंदिरों से नहीं बल्कि आम जनता से भी मांगा गया था।

हिमाचल सरकार का क्या आदेश?
जयराम ठाकुर ने अपने बयान में कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है। इसमें मंदिरों और धार्मिक ट्रस्टों से धनराशि सरकारी खजाने में जमा करने को कहा गया है। यह निर्णय इसलिए लिया गया ताकि सरकार की फ्लैगशिप योजनाएं, जैसे कि ‘सुखाश्रय योजना’ और ‘सुख शिक्षा योजना’, चलाई जा सकें। ठाकुर के अनुसार, यह कदम बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य है। उनका कहना है कि पहले कभी किसी सरकार ने मंदिरों या ट्रस्टों के धन का इस्तेमाल अपनी योजनाओं के लिए नहीं किया।

सरकारी नियंत्रण में हैं 36 मंदिर
उन्होंने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश में कुल 36 मंदिर सरकारी नियंत्रण में आते हैं, और सरकार ने इन मंदिरों से धनराशि प्राप्त करने के लिए न केवल आदेश दिया है बल्कि बार-बार उसका फॉलो-अप भी लिया जा रहा है जिसमें शीघ्र धनराशि हस्तांतरित करने का निर्देश दिया गया है।

नीतिगत रूप से गलत कदम
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी आपदा के समय सरकार द्वारा मंदिरों और ट्रस्टों की धनराशि का उपयोग करने का औचित्य फिर भी समझ में आता है। उदाहरण के लिए, कोविड-19 महामारी के दौरान या प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़ और भूस्खलन) के समय, जब लोगों की जान बचाने और राहत कार्यों के लिए धनराशि की आवश्यकता थी। लेकिन इस बार सरकार मंदिरों से प्राप्त धनराशि का उपयोग अपनी सामान्य योजनाओं को चलाने के लिए कर रही है, जो एक नीतिगत रूप से गलत कदम है।

सरकार पर सनातन धर्म विरोधी रवैया अपनाने का आरोप
ठाकुर ने सरकार पर सनातन धर्म विरोधी रवैया अपनाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार सनातन धर्म और हिंदू परंपराओं का विरोध करती है, तो दूसरी ओर मंदिरों से धनराशि लेकर अपनी योजनाओं को पूरा करना चाहती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेताओं ने हाल ही में संपन्न महाकुंभ में शामिल होने से परहेज किया और इसे लेकर कई नकारात्मक टिप्पणियां भी कीं।

विधानसभा के भीतर और बाहर विरोध करेगी बीजेपी
ठाकुर ने मुख्यमंत्री के उस बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि 90 प्रतिशत से अधिक हिंदू आबादी वाले राज्य में उन्होंने हिंदूवादी पार्टी को हराया। यह सब सरकार की नीतियों में विरोधाभास को दर्शाता है। नेता प्रतिपक्ष ने यह भी घोषणा की कि बीजेपी इस फैसले का विरोध विधानसभा के भीतर और बाहर दोनों जगह करेगी। उन्होंने कहा कि आगामी बजट सत्र में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया जाएगा और सरकार के इस कदम के खिलाफ सशक्त विरोध दर्ज किया जाएगा।

फैसले का पुरजोर विरोध करें-बीजेपी
उन्होंने धार्मिक ट्रस्टों, मंदिर समितियों और आम जनता से भी अपील की कि वे इस फैसले का पुरजोर विरोध करें। उनका मानना है कि यह फैसला न केवल विवादास्पद है, बल्कि जनता के बीच सरकार की छवि को भी नुकसान पहुंचा रहा है। उनके अनुसार, सरकार के पास कर्मचारियों के वेतन और पेंशन देने के लिए धन नहीं है, लेकिन इसके बावजूद उसने कई नई गारंटियां दी हैं और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की योजनाओं को बंद कर दिया है।

हिमाचल सरकार ने जवाब दिया

मुख्यमंत्री सुखविंदर सुखू की सरकार ने तीखा पलटवार किया और राज्य इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह ने जोर देकर कहा कि दान केवल मंदिरों से नहीं बल्कि आम जनता से भी मांगा गया था। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार एक अच्छे उद्देश्य के लिए योजनाएं चला रही है। असहाय बच्चों के लिए और उनकी शिक्षा का समर्थन करने और उन्हें बेहतर जीवन देने के लिए… यह केवल मंदिरों के बारे में नहीं है। हम हर उस व्यक्ति से आह्वान कर रहे हैं जो बच्चों के कल्याण के लिए एक राशि दान कर सकता है।

सरकार के कदम का बचाव

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने भी सरकार के कदम का बचाव करते हुए पूछा कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए दान लेना ‘बुरा’ क्यों माना जाएगा। उन्होंने बताया कि ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने महामारी के दौरान मंदिरों से पैसे लिए थे। अप्रैल 2020 में काली बाड़ी मंदिर के राहत कोष में 25 लाख रुपये दान करने से था।

सुजीत उपाध्याय

लेखक के बारे में

सुजीत उपाध्याय

सुजीत उपाध्याय ने एचएनबी गढ़वाल यूनिवर्सिटी श्रीनगर, उत्तराखंड से एमए इन मास कम्युनिकेशन की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ह‍िन्‍दुस्‍तान और दैन‍िक जागरण मेंं बतौर र‍िपोर्टर काम क‍िया। ज़ी मीड‍िया से ड‍िज‍िटल में शुरुआत। इंड‍िया डॉट कॉम ह‍िंंदी में दो साल काम करने के बाद नवभारत टाइम्‍स ऑनलाइन से जुड़े।… और पढ़ें

Leave a Comment

About Us

Welcome to janashakti.news/hi, your trusted source for breaking news, insightful analysis, and captivating stories from around the globe. Whether you’re seeking updates on politics, technology, sports, entertainment, or beyond, we deliver timely and reliable coverage to keep you informed and engaged.

@2024 – All Right Reserved – janashakti.news/hi

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.