हिमाचल में कर्मचारियों को कब मिलेगी सैलरी? सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की बड़ी घोषणा
Himachal Pradesh Employee Salary: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट ने पांव पसार लिया है. हालात यह है कि कर्मचारियों को समय पर सैलरी भी नहीं मिल पा रही है.
By : अंकुश डोभाल, शिमला | Edited By: nimishas | Updated at : 04 Sep 2024 01:52 PM (IST)
(सीएम सुखविंद सिंह सुक्खू ने विधानसभा को संबोधित किया)
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश इस वक्त आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. अब सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने घोषणा की है कि हिमाचल में कर्मचारियों को 5 सितंबर को वेतन दिया जाएगा जबकि 10 सितंबर को पेंशन मिलेगी. यह फैसला ब्याज की राशि बचाने के लिए किया गया है. यह जानकारी सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सदन में दी. सीएम सुक्खू ने बताया कि इससे हर महीने तीन करोड़ रुपये बचेंगे.
सीएम ने बताया कि कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को कर्ज लेना पड़ता है. इस पर राज्य सरकार तीन करोड़ रुपए ब्याज चुकाती है. सीएम ने बताया कि भारत सरकार से राज्य सरकार को रिवेन्यू डिफिसिट ग्रांट हर महीने की 6 तारीख को मिलता है. इसके अलावा हर महीने की 10 तारीख को भारत सरकार से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी के रूप में 740 करोड़ रुपए आता है.
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन देने के लिए राज्य सरकार को 7.5 फीसदी की ब्याज दर से अग्रिम लोन लेना पड़ता है. इससे राज्य सरकार हर महीने तीन करोड़ रुपए और हर साल 36 करोड़ रुपए की बचत करेगी.
ब्याज के बोझ से बचने की है कोशिश
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, ”वर्तमान सरकार वित्तीय अनुशासन के लिए खर्चों की राजस्व प्राप्तियों के साथ मैपिंग करने का प्रयास किया गया है, ताकि ऋण राशि उठा कर ब्याज के अनावश्यक बोझ को घटाया जा सके. इस प्रकार से सरकार द्वारा व्यय का रिसिप्ट के साथ मैपिंग कर हर महीने लगभग 3 करोड़ रुपये की राशि बचाई जाएगी. यह व्यवस्था सरकार के बोर्डों और निगमों के लिए नहीं होगी, जो अपने संसाधनों का आकलन करके निर्णय खुद ले सकते हैं.”
सुक्खू ने कहा कि भारत सरकार से प्राप्त अनुमति के आधार पर बाजार से ऋण उठाने के लिए 2 हजार 317 करोड़ रुपये की ही बकाया राशि बची है, जिसका राज्य सरकार को आगामी चार महीनों यानी सितंबर से दिसंबर तक विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना पड़ेगा
जयराम ठाकुर ने सदन में उठाया मामला
इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सदन में मामला उठाया था. जयराम ठाकुर ने कहा था कि राज्य में कर्मचारियों को वेतन और रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन न मिलने की वजह से गंभीर स्थिति पैदा हुई है. इस पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जयराम ठाकुर अब कर्मचारी हितैषी बनने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर की सरकार पांच साल तक आंकड़े छिपाती रही. कांग्रेस सरकार सबको जनता तक लेकर जाना चाहती है.
उन्होंने कहा कि 11 दिसंबर 2022 को जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य में आर्थिक संकट था और इसे जनता से छिपाने की कोशिश की गई. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि अब राज्य आर्थिक संकट से आगे बढ़ चुका है और राज्य सरकार आत्मनिर्भर हिमाचल की दिशा में आगे बढ़ रही है.
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Published at : 04 Sep 2024 01:52 PM (IST)
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