हिट एंड रन केस में नया ट्विस्ट, रईसजादे को बचाने सामने आया ड्राइवर, कहा- मैं चला रहा था कार, अब क्या करेगी पुलिस?
नई दिल्ली. क्या पुणे पोर्श कांड भी दूसरे हिट एंड रन मामलों की तरह कानून के दांव पेंच में उलझा दिया जाएगा? ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि पुणे हिट एंड रन में आज 7वां दिन है और अब अचानक ड्राइवर की एंट्री हो गई है. अचानक से आरोपी, उसके रिश्तेदार और दोस्तों ने बयान देना शुरु किया है कि ड्राइविंग सीट पर नाबालिग नहीं उनका ड्राइवर था जबकि ड्राइवर ने पहले कहा था कि गाड़ी नाबालिग चला रहा था. पोर्श कार एक्सिडेंट के बाद झगड़े और बहस की फुटेज सामने आई थी. 19 मई रात को एक नाबालिग की रफ्तार की सनक में दो परिवारों को उजाड़ दिया था लेकिन शर्मनाक तो ये है कि पूरा सिस्टम आरोपी को बचाने में लग गया है. इस पूरे मामले को कानूनी दांव पेंच में उलझाकर बिगड़ैल रईसजादे को बचाने की कोशिश शुरू हो गई. सबसे पहले नाबालिग होने का दावा कर सजा से बचाने की कोशिश हुई लेकिन इसे लेकर लोगों के गुस्से को देखते हुए केस को पूरी तरह से लटकाने और भटकाने का खेल भी शुरु हो गया.
सिर्फ 7 दिन के अंदर इस केस में इतने ट्विस्ट आ गए हैं, मामले में सबूत, बयानों के इतने फंदे हैं कि इंसाफ मिलना आसान नहीं लग रहा है. अभी तक इस केस में पोर्श कार के ड्राइव का कोई जिक्र नहीं था लेकिन जैसे ही आरोपी के परिवार को लगा कि आरोपी पर बालिग जैसे केस चल सकता है, केस में ड्राइवर की एंट्री करा दी गई और अचानक सभी ने बयान दिया कि शनिवार की रात 200 किलोमीटर की रफ्तार से उस नाबालिग ने नहीं बल्कि ड्राइवर ने गाड़ी दौड़ाई थी. नाबालिग ने दावा किया कि दुर्घटना के समय ड्राइवर गाड़ी चला रहा था. वहीं, हादसे के समय नाबालिग के जो दोस्त साथ थे, उन्होंने भी यही बयान दिया है. आरोपी के दादा ने भी कहा कि कार ड्राइवर के हाथों में थी, लेकिन इन खोखले दावों में कितना सच्चाई है. इसे साबित करने के लिए हादसे की रात का वीडियो देखकर समझा जा सकता है. जिस वक्त ये टक्कर हुई तो वहां मौजूद लोगों का कहना था कि कार में सिर्फ नाबालिग आरोपी था. वो नशे में धुत था और स्थानीय लोगों ने उसकी पिटाई भी की. वीडियो में भी देखा जा सकता है भीड़ एक लड़के को घेरकर उसकी पिटाई कर रही है.
12वीं पास होने की खुशी में कर रहा था पार्टी…
पुलिस जांच में कहा गया है कि नाबालिग आरोपी के 12वीं पास होने की खुशी में उसके पिता विशाल अग्रवाल ने पोर्शे कार उसे गिफ्ट में दी थी. शनिवार रात आरोपी पब में गया. दोस्तों के साथ शराब पी. 48 हज़ार का बिल देने के बाद वो रात 12.15 बजे दूसरे पब में गया. वहां से 1.30 बजे रात में वो नशे में गाड़ी चलाते हए निकला. जिस वक्त कल्याणी नगर में उसने टक्कर मारी उस वक्त कार में सिर्फ वही मौजूद था और उसने ड्राइवर को पहले ही घर जाने के लिए कह दिया था. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा, ‘हमारा केस नार्मल ड्रिंक और ड्राइव का नही है. आरोपी को पता था कि वह शराब के नशे में ड्राइव कर रहा है, इससे दूसरे अन्य लोगों को खतरा हो सकता है लेकिन फिर भी उसने ऐसा किया है. 2 लोगों की जान ले ली उसने.हमारी कोशिश होगी कि उसे कड़ी सजा मिले.’
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ड्राइवर ने क्या कहा?
इस मामले में एक और रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्राइवर ने नाबालिग के पिता पर गाड़ी देने के आरोप लगाए हैं. ड्राइवर ने बताया कि नाबालिग़ नशे में होने के बावजूद पोर्श कार चलाने की ज़़िद कर रहा था. इस पर उसने लड़के के पिता को फोन किया और पूरी बात बताई. पिता ने बेटे को कार चलाने देने की परमिशन दी. ड्राइवर ने आगे कहा, ‘मैंने आदेश का पालन किया और लड़के के दो दोस्तों के साथ पीछे जाकर बैठ गया.
ऐसे सच सामने लाने में जुटी पुलिस
पुलिस के मुताबिक ड्राइवर बार बार बयान बदल रहा है, जिसकी वजह से मामला उलझता जा रहा है इसलिए क्राइम ब्रांच एहतियात के साथ शनिवार रात को हादसे की कड़ियां जोड़ रही है. बिल्डर विशाल अग्रवाल के घर से पब तक रास्ते में हर सीटसीटीवी खंगाले जा रहे हैं, जिससे साबित हो सके कि वारदात के वक्त कौन कौन मौजूद था.
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FIRST PUBLISHED :
May 24, 2024, 23:55 IST