Saturday, November 30, 2024
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Home हाथरस हादसे के बाद भी कम नहीं हुई आस्था, आगरा में साकार विश्व हरि की कुटिया पर तड़के से पहुंचने लगते हैं लोग

हाथरस हादसे के बाद भी कम नहीं हुई आस्था, आगरा में साकार विश्व हरि की कुटिया पर तड़के से पहुंचने लगते हैं लोग

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सुनील साकेत, आगरा: हाथरस भगदड़ में हुए हादसे के बाद भी साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के प्रति आस्था कम नहीं हुई है। आगरा स्थित भोले बाबा की कुटिया पर तड़के 4:30 बजे से ही अनुयायियों की भीड़ जुट रही है। हाथरस हादसे को अनुयायी साजिश या फिर आपदा मान रहे हैं। खासतौर पर महिलाओं में बाबा के प्रति आस्था देखी जा रही है।

हाथरस के फुलरई गांव में हुए सत्संग में 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सैकड़ों लोग घायल हैं। प्रकरण की जांच एसआईटी कर रही है। मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया है कि सत्संग संपन्न होने के बाद चरण रज लेने की पंडाल से एनाउंस हुआ था। महिलाओं की भीड़ दौड़ पड़ी। बेकाबू होती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सेवादारों ने मानव श्रृंखला बनाई, मगर भीड़ अधिक होने के कारण महिलाएं, बच्चे और पुरुष नीचे डबे गए। बेकाबू भीड़ उनके ऊपर से गुजर गई।

सुबह आते हैं अनुयायी

साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग की शुरुआत आगरा से हुई थी। आगरा विकास प्राधिकरण की योजना शाहगंज केदार नगर में उनका ईडब्ल्यूएस का मकान है। इस मकान में 24 साल पहले भोले बाबा रहते थे, लेकिन आज इसे कुटिया के नाम से लोग जानते हैं। बाबा के अनुयायी यहां रोजाना मत्था टेकने के लिए आते हैं। महिलाएं कुटिया को झाड़ू पोछा लगाकर साफ करती हैं। पड़ोसी साबिर चौधरी का कहना है कि सुबह 4:30 बजे से यहां भीड़ जुटती है। हाथरस हादसे के बाद से भी लोगों में आस्था कम नहीं हुई है। मंगलवार और गुरुवार को सबसे ज्यादा भीड़ होती है। वे इसकी शिकायत भी कर चुके हैं।

‘हमारे लिए परमात्मा हैं’

हाथरस भगदड़ कांड होने के बाद लोग साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा को दोष दे रहे हैं,, लेकिन इससे उनके अनुयायियों में आस्था कम होती नजर नहीं आ रही है। शाहगंज क्षेत्र की रहने वाली गुड़िया देवी का कहना है कि पहले वह भोले बाबा पर कोई विश्वास नहीं करती थी, लेकिन जब उसकी सास ने उसे बाबा के सत्संग में भेजा, तो वह सिर्फ एक घंटे के लिए गई थी। मगर रात को बाबा ने स्वप्न में उसे दर्शन दिए। इसके बाद वह बाबा की भक्त हो गई। गुड़िया का कहना है कि आज उसका खुद का मकान है। उसके पति ने शराब पीना छोड़ दिया है। बच्चे पढ़ रहे हैं, ये सब बाबा की कृपा से हुआ है।

बाबा को बदनाम करने की साजिश

हाथरस सत्संग में शामिल होने वाली मांगेश्री का कहना है कि इसमें भोले बाबा की गलती नहीं है। मंदिरों में भी भगदड़ मच जाती है। लोगों की मौत हो जाती है। मैं भी सत्संग में गई थी। सत्संग समाप्त होते ही वह लौट आईं। मांगेश्री के साथ यमुना पार क्षेत्र की गुड्डी देवी और मंजू देवी भी गई थीं। उनका कहना है कि भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लगाता बढ़ रही है। उन्हें बदनाम करने के लिए शरारतीतत्वों की साजिश हो सकती है।

विवेक मिश्रा

लेखक के बारे में

विवेक मिश्रा

जन्मस्थली बाराबंकी है और कर्मस्थली तीन राज्य के कई शहर रहे हैं। 2013 में प्रिंट मीडिया से करियर की शुरुआत की। मप्र जनसंदेश, पत्रिका, हिंदुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण होते हुए नवभारत टाइम्स के साथ डिजिटल मीडिया में कदम रखा।… और पढ़ें

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