सूरत एयरपोर्ट का फ्रंट एलिवेशन क्यों बना चर्चा का विषय? ये ऐतिहासिक इमारत है इसका कारण
Agency:Local18
Last Updated:
Surat International Airport: सूरत एयरपोर्ट का नया चेहरा 110 साल पुराने रांदेर मकान से प्रेरित, सूरत की संस्कृति और इतिहास को दर्शाता है, जो गुजरात की हेरिटेज और परंपरा का प्रतीक बनेगा.
हाइलाइट्स
- सूरत एयरपोर्ट का नया चेहरा 110 साल पुराने मकान से प्रेरित है.
- रांदेर गांव के ऐतिहासिक मकान की डिज़ाइन से प्रेरित है.
- सूरत एयरपोर्ट गुजरात की हेरिटेज और संस्कृति का प्रतीक बनेगा.
सूरत: गुजरात के सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट गुजरात का दूसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है और इसकी विशेषताएं कई हैं. वर्ष 2023 में एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग के लिए नया फ्रंट एलिवेशन बनाया गया, जो सूरत के इतिहास और परंपरा को दर्शाता है. यह नई डिज़ाइन खासतौर पर रांदेर की 110 साल पुरानी एक ऐतिहासिक इमारत से प्रेरित है.
500 से अधिक हेरिटेज मकानों का घर है
बता दें कि रांदेर गांव, जिसे प्राचीन समय में रांदल गांव के नाम से जाना जाता था, आज भी 500 से अधिक हेरिटेज मकानों का घर है. यहां के मकानों की डिजाइन और नक्काशी बहुत ही अद्भुत है, जिसमें लकड़ी, पत्थर और सीमेंट का संयोजन देखने को मिलता है. ये मकान केवल इमारतें नहीं हैं, बल्कि सूरत की संस्कृति और इतिहास का उत्सव हैं.
सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नया फ्रंट एलिवेशन जो डिज़ाइन किया गया है, वह रांदेर के झंडा चौक क्षेत्र में स्थित एक ऐतिहासिक मकान से प्रेरित है. यह मकान एक समय में जैन समाज के लोगों के लिए निवास स्थान था. मकान की डिजाइन में जैन और इस्लामिक शैलियों का मिश्रण देखने को मिलता है.
मकान 110 साल पुराना है
यह मकान 110 साल पुराना है और आज तक मजबूती से खड़ा है. इसमें बर्मी सागौन की लकड़ी का उपयोग किया गया है, जो इसे मजबूती और दीर्घायु प्रदान करता है. सदियों पहले लोगों की जीवनशैली और व्यावसायिक दृष्टिकोण को आकार देने वाले ऐसे मकान आज भी प्रेरणा हैं.
स्थानीय व्यापारियों और निवासियों के लिए यह मकान गर्व का विषय है. यहां भजिया की दुकान चलाने वाले विनीत शाह कहते हैं, “हमें गर्व है कि एयरपोर्ट के लिए हमारी हेरिटेज डिज़ाइन चुनी गई.”
सूरत इंटरनेशनल एयरपोर्ट अब केवल पर्यटन के लिए नहीं, बल्कि गुजरात की हेरिटेज और संस्कृति के लिए एक प्रतीक बन रहा है. रांदेर की ऐतिहासिक इमारत की डिजाइन को एयरपोर्ट के फ्रंट एलिवेशन में शामिल करने से सूरत की अनूठी पहचान को और मजबूती मिली है. यह रांदेर की विरासत का केवल संग्रह नहीं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक संचरण है, जो सूरत और गुजरात की गौरवशाली हेरिटेज को आगे बढ़ाएगा.
First Published :
January 27, 2025, 20:07 IST