सुप्रीम कोर्ट में ऐसा क्या हुआ कि सिंघवी बोले- ED जब मेरे घर आ सकती है तो…
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बयान दर्ज कराने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बार-बार समन जारी किये जाने के बावजूद ED के समक्ष उनके पेश नहीं होने पर सोमवार को सवाल उठाया. बता दें कि इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में ED द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई याचिका पर सोमवार को जमकर बहस हुई.
इस दौरान न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा, ‘यदि आप धारा 50 के तहत बयान दर्ज नहीं कराते हैं तो आप यह नहीं कह सकते कि उनके बयान दर्ज नहीं किये गए.’ सिंघवी ने कहा, ‘मेरा कहना है कि अन्य सामग्रियां भी मेरे अपराध को स्थापित नहीं करतीं. ED मुझे गिरफ्तार करने मेरे घर आई थी. तो फिर ED मेरे घर पर धारा 50 के तहत मेरा बयान क्यों नहीं दर्ज कर सकती?’ मालूम हो कि पीएमएलए की धारा 50 ED अधिकारियों को समन जारी करने और दस्तावेज, सबूत तथा अन्य सामग्री पेश करने की शक्ति प्रदान करने से संबंधित है. सिंधवी अरविंद केजरीवाल की ओर कोर्ट में दलील पेश कर रहे थे.
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न्यायालय ने कहा कि क्या वह अपने बयान दर्ज नहीं किये जाने के आधार पर, आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दे सकते हैं. मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किये जाने के बाद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं. वह यहां तिहाड़ जेल में बंद हैं.
सुनवाई की शुरूआत में, पीठ ने सिंघवी से पूछा, ‘आपने जमानत के लिए कोई अर्जी अधीनस्थ अदालत में दायर नहीं की थी?’ सिंघवी ने जवाब दिया, ‘नहीं’. न्यायालय ने पूछा, ‘आपने जमानत के लिए कोई अर्जी क्यों नहीं दायर की?’ केजरीवाल के वकील ने कहा कि इसके कई कारण हैं जिनमें मुख्यमंत्री की ‘गैरकानूनी’ गिरफ्तारी भी शामिल है. शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ED को एक नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर उसका जवाब मांगा था. यह विषय 2021-22 के लिए, दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है. (भाषा इनपुट के साथ)
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Tags: Arvind kejriwal, Supreme
FIRST PUBLISHED :
April 30, 2024, 12:33 IST